मंत्री-विधायकों का वेतन बढ़ाने के लिए बुलाया जाएगा बंगाल विधानसभा का विशेष सत्र, राज्यपाल से पहले ही मिल चुकी है मंजूरी
ममता सरकार दुर्गापूजा में विशेष सत्र बुलाकर मंत्रियों और विधायकों के वेतन विधेयक को पास कराना चाहती थी लेकिन राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने विधेयक को मंजूरी नहीं दी थी जिससे विधानसभा में सत्र बुलाने के बावजूद भी पारित नहीं कराया जा सका था।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 01 Nov 2023 06:22 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। ममता सरकार दुर्गापूजा में विशेष सत्र बुलाकर मंत्रियों और विधायकों के वेतन विधेयक को पास कराना चाहती थी, लेकिन राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने विधेयक को मंजूरी नहीं दी थी, जिससे विधानसभा में सत्र बुलाने के बावजूद भी पारित नहीं कराया जा सका था।
7-8 नवंबर को हो सकता है विशेष सत्र
अब दीपावली-काली पूजा से पहले विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र फिर से बुलाने की तैयारी है। इस सत्र में मंत्रियों और विधायकों की सैलरी बढ़ाने का विधेयक पारित किया जाएगा। विधानसभा का यह विशेष सत्र 7-8 नवंबर को आयोजित हो सकता है।
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विधानसभा सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक, मंत्रियों का वेतन बढ़ाने के लिए 'पश्चिम बंगाल वेतन और भत्ता अधिनियम 1952' और विधायकों का वेतन बढ़ाने के लिए 'बंगाल विधान सभा अधिनियम 1937' में संशोधन किया जाएगा। अगर ये दोनों विधेयक पास हो गए तो मंत्रियों-विधायकों को 40,000 रुपये की बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी। बातते चलें कि सात सितंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में मंत्रियों और विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की थी।
बिल को राज्यपाल ने दे दी है मंजूरी
वेतन बढ़ोतरी के फैसले को लागू करने के लिए कानूनी मंजूरी जरूरी है। इसलिए 16 अक्टूबर को विशेष सत्र बुलाकर दो बिल पास कराने की कोशिश की गई थी। हालांकि, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि विधेयक राज्यपाल की मंजूरी के बिना पेश किया गया था।राज्यपाल की मंजूरी के बिना कोई भी वित्तीय लेनदेन विधेयक विधानसभा में पेश नहीं किया जा सकता। इसलिए स्पीकर बिमान बनर्जी ने पूर्व विधायक की मृत्यु पर शोक प्रस्ताव पारित करने के बाद सत्र स्थगित कर दिया था। हालांकि, राज्यपाल ने 17 अक्टूबर को बिल पर हस्ताक्षर कर दिए। इससे विधेयक के विधानसभा में पारित होने का रास्ता साफ हो गया है।
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