Move to Jagran APP

Bengal BSF News: बंगाल में तस्करी कर लाया जा रहा सोना, बीएसएफ ने जब्त किए 1.26 करोड़ के 21 बिस्कुट

तीन दिनों के भीतर बीएसएफ ने सोने की दूसरी बड़ी खेप पकड़ी है। सोने को दवा की बोतल में छिपाकर बांग्लादेश से भारत में तस्करी की जा रही थी। बीएसएफ ने बताया कि जब्त सोने का बाजार मूल्य लगभग एक करोड़ 26 लाख रुपये से अधिक है।

By Shivam YadavEdited By: Published: Sat, 10 Sep 2022 11:43 PM (IST)Updated: Sat, 10 Sep 2022 11:43 PM (IST)
जब्त सोने का बाजार मूल्य लगभग एक करोड़ 26 लाख रुपये से अधिक है।

कोलकाता, जेएनएन। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 68 वीं वाहिनी के जवानों ने उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक बार फिर तस्करी को नाकाम करते हुए 21 सोने के बिस्कुटों को जब्त किया है, जिसका वजन 2.450 किलोग्राम है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि एक पुख्ता सूचना के आधार पर विशेष अभियान चलाकर कृष्णा नगर सेक्टर अंतर्गत बीएसएफ की सीमा चौकी मामाभागीना इलाके से जवानों ने शुक्रवार को इसे जब्त किया। हालांकि तस्कर भाग निकला।

सोने को दवा की बोतल में छिपाकर बांग्लादेश से भारत में तस्करी की जा रही थी। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर मुख्यालय ने एक बयान में बताया कि जब्त सोने का बाजार मूल्य लगभग एक करोड़ 26 लाख रुपये से अधिक है। 

बाल्टी में बैंगन के बीच छिपा कर रखा था सोना

बयान के अनुसार, शाम के समय एक स्थानीय नागरिक अलीम सरदार एक बाल्टी, जिसमें बैंगन और दवा की एक प्लास्टिक की बोतल थी, लेकर तारबंदी के आगे खेत से लौट रहा था। शक होने पर गेट ड्यूटी पर तैनात जवानों ने उसे तलाशी के लिए रोका। 

जब जवान बाल्टी और दवा बोतल की तलाशी ले रहे थे, तब पकड़े जाने के खतरे को भांपते हुए अलीम वहां से भारत की तरफ भाग निकलने में सफल रहा। तलाशी में दवा की बोतल के अंदर छिपाए हुए 21 सोने के बिस्कुट मिले। जब्त सोने को बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए कस्टम कार्यालय बगदाह को सौंप दिया है।

तीन दिनों में सोने की दूसरी बड़ी खेप जब्त

गौरतलब है कि तीन दिनों के भीतर बीएसएफ की 68 वीं वाहिनी ने सोने की दूसरी बड़ी खेप पकड़ी है। इससे पहले सात सितंबर को भी इसी सीमा चौकी इलाके से जवानों ने स्प्रे मशीन में छिपाकर की जा रही तस्करी को नाकाम करते हुए 2.216 किलोग्राम वजन के 19 सोने के बिस्कुट जब्त किए थे। इसकी कीमत एक करोड़ 14 लाख रुपये आंकी गई थी। 

इधर, इस सफलता पर 68वीं वाहिनी के कमांडिंग आफिसर योगेन्द्र अग्रवाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपने जवानों की पीठ थपथपाई। उन्होंने बताया कि भारत- बांग्लादेश सीमा पर तस्कर दिन प्रतिदिन नए तरीके से तस्करी करने की कोशिश करते हैं, लेकिन हमारे जवानों की सतर्कता के कारण उनके मंसूबे सफल नहीं हो पाते।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.