Move to Jagran APP

ममता ने विपक्षी नेताओं व गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र, देश के लोकतंत्र को खतरे में बताया

विधानसभा में मारपीट की घटना पर ममता ने सभी विपक्षी नेताओं और मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र बताया लोकतंत्र पर हमला विधानसभा में मारपीट की घटना पर ममता ने सभी विपक्षी नेताओं और मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र बताया लोकतंत्र पर हमला

By Priti JhaEdited By: Updated: Tue, 29 Mar 2022 09:57 PM (IST)
Hero Image
ममता ने सभी विपक्षी नेताओं और मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में हुए नरसंहार को लेकर चौतरफा घिरीं बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अब विपक्षी दलों नेताओं और गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर देश के लोकतंत्र को खतरे में बताया है। ममता ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए भाजपा के खिलाफ लड़ाई में सभी से एकजुट होने की अपील की है। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख के तौर पर लिखे पत्र में ममता ने भाजपा से मुकाबला करने की रणनीतियों पर चर्चा करने और एकजुट एवं सैद्धांतिक विपक्ष बनाने का संकल्प लेने के लिए एक बैठक करने की भी अपील की है, ताकि ऐसी सरकार बनाने की तैयारी की जा सके, जिसका देश हकदार है। उन्होंने कहा कि सभी प्रगतिशील ताकतों को एक साथ आने और भाजपा के दमनकारी शासन से लडऩे की जरूरत है।

ममता ने 27 मार्च को लिखे पत्र में कहा, मैं आपको सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा इस देश के संस्थागत लोकतंत्र पर किए जा रहे सीधे हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए यह पत्र लिख रही हूं। ईडी, सीबीआइ, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी)और आयकर विभाग का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों से प्रतिशोध के लिए हो रहा है। इन एजेंसियों के जरिए विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाने के साथ ही उत्पीडऩ हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायपालिका के एक हिस्से को भी प्रभावित करने की कोशिश हो रही है।

पत्र में कई विधेयकों पर उठाए सवाल

ममता ने इस पत्र में संसद से पास हुए कुछ विधेयकों का जिक्र भी किया है। ममता ने लिखा, शीतकालीन सत्र में दिल्ली स्पेशल पुलिस (संशोधन) बिल 2021 के साथ ही सीवीसी संशोधन बिल 2021 को विपक्ष के वाकआउट के बावजूद मनमाने ढंग से पारित कराया गया। इन कानूनों के जरिए केंद्र ईडी और सीबीआइ के निदेशक का कार्यकाल पांच साल तक बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश का घोर उल्लंघन है। ममता ने कहा कि सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर केंद्रीय एजेंसियों के गलत इस्तेमाल के भाजपा के इरादे के खिलाफ खड़ा होना पड़ेगा। उन्होंने लिखा- जैसे ही चुनाव नजदीक आते हैं केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई तेज हो जाती है। यह भी स्पष्ट है कि भजपा शासित राज्यों को इन एजेंसियों से फ्री पास मिला रहता है, जिससे उनके शासन की कमियों पर पर्दा डाल दिया जाता है।

राजनैतिक दबावों की वजह से लोग न्याय नहीं पा रहे

ममता ने आगे कहा कि गैर भाजपा शासित राज्यों के सीएम को न्यायपालिका की ओर से लगातार निर्देशित किया जाता है, जिसकी मुझे पीड़ा है। न्यायपालिका के प्रति मेरे मन में गहरा सम्मान है। लेकिन वर्तमान में कुछ एकतरफा राजनैतिक दबावों की वजह से लोग न्याय नहीं पा रहे हैं। यह हमारे लोकतंत्र के लिए एक गंभीर चलन है। हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में न्यायपालिका, मीडिया और जनता महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। अगर इनमें से किसी भी हिस्से में व्यवधान आता है तो सिस्टम बैठ जाता है। समय- समय पर न्यायपालिका के एक हिस्से को प्रभावित करते हुए भाजपा हमारे संघीय ढांचे पर हमले की कोशिश करती रही है। एक विपक्षी दल के रूप में यह हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी है कि इस सरकार को उसके इन कृत्यों के लिए जवाबदेह बनाएं।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।