Bengal: केंद्र के खिलाफ दिल्ली में तृणमूल के धरने में सीएम ममता ने भी की शामिल होने की घोषणा
बेहाला में ममता ने कहा लोगों ने हमें वोट दिया लेकिन हम काम नहीं कर सकते। एक समय हमें राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त थी। अब और नहीं है। पेगासस ने अब हमारी राजनीतिक आजादी छीन ली है। बातों- बातों में हमारी परियोजनाओं को बंद करने से लेकर फंड रोक दिया जाता है। लेकिन वे मेरे साथ नहीं चलेगा उनका गुस्सा बंगाल पर है।
By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Mon, 14 Aug 2023 08:49 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय योजनाओं का फंड रोके जाने के खिलाफ दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस के आंदोलन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद शामिल होंगी। दो अक्टूबर को दिल्ली में तृणमूल की ओर से धरना-प्रदर्शन की घोषणा की गई है जिसमें ममता स्वयं मौजूद रहेंगी।
सोमवार को शिक्षक भर्ती घोटाले में पिछले वर्ष से जेल में बंद पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के विधानसभा क्षेत्र बेहाला में एक कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने यह बात कही। इससे पहले ममता के भतीजे व तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी ने केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली जाने की घोषणा की थी।
''लोगों ने हमें वोट दिया लेकिन हम काम नहीं कर सकते'' : सीएम ममता
बेहाला में ममता ने कहा, ''लोगों ने हमें वोट दिया, लेकिन हम काम नहीं कर सकते। एक समय हमें राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त थी। अब और नहीं है। पेगासस ने अब हमारी राजनीतिक आजादी छीन ली है। बातों- बातों में हमारी परियोजनाओं को बंद करने से लेकर फंड रोक दिया जाता है। लेकिन वे मेरे साथ नहीं चलेगा, उनका गुस्सा बंगाल पर है। मैं उनसे बहुत नाराज हूं। यदि वे ऐसा करने का निर्णय लेते हैं, तो मैं नहीं सहन करूंगी।अगर वे इस परियोजना को रोकने और बंगाल को मारने की कोशिश करते हैं, तो मैं कहती हूं कि अपनी ताकत दिखाओ, मैं अपनी ताकत दिखाउंगी। मेरे पास यह सुनिश्चित करने की शक्ति है कि बंगाल चावल के बिना नहीं मरेगा, इतनी व्यवस्था करने की क्षमता है।''
''मुझसे पैसे ले रहे हो तो मुझे मेरा हिस्सा भी दे दो'' : सीएम ममता
केंद्र ने राज्य का बकाया पैसा रोक लिया है। राज्य सरकार की यह शिकायत काफी पुरानी है। मुख्यमंत्री ने कहा, ''बंगाल में घर, सड़क बनाने का पैसा रोक दिया जाता है। सौ दिन के काम में मिट्टी को अपने सिर पर उठाया है, लेकिन उन्हें सात हजार करोड़ नहीं दिए। नियम था कि सौ दिन के काम का भुगतान 15 दिन के अंदर किया जाना चाहिए। क्या यह पैसा केंद्र अकेले देता है? नहीं पहले हम सेल्स टैक्स, वैट वसूलते थे।अब केंद्र ने एक ही टैक्स जीएसटी कर दिया है। अब जब तुम मुझसे पैसे ले रहे हो तो मुझे मेरा हिस्सा भी दे दो। उस पैसे का भुगतान नहीं कर रहे हैं। हमें 1 लाख 15 हजार करोड़ मिले हैं।''
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