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Bengal: विधानसभा उपचुनाव के लिए फंड देने को राजी हुआ कांग्रेस हाईकमान, पहले रखी थी ये शर्त

West Bengal By-Election हाईकमान की ओर से पहले कहा गया था कि पार्टी में विस उपचुनाव के लिए फंड देने का नियम नहीं है राज्य नेतृत्व को यह अपने बूते लड़ना पड़ता है लेकिन बंगाल कांग्रेस ने आर्थिक बदहाली का हवाला दिया जिसके बाद बात बनी। प्रदेश नेताओं की ओर से कहा गया कि हाईकमान की सहायता के बिना उपचुनाव लड़ना संभव नहीं हो पाएगा।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sun, 23 Jun 2024 10:30 PM (IST)
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पहले हाईकमान राज्य नेतृत्व को उपचुनाव के लिए एक पैसा भी देने को तैयार नहीं था।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की रायगंज व बागदा विधानसभा सीटों पर आगामी 10 जुलाई को होने वाले उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के प्रचार के लिए फंड देने को कांग्रेस हाईकमान अंतत: राजी हो गया है। मालूम हो कि हालिया संपन्न लोकसभा चुनाव में बंगाल में पार्टी के बेहद खराब प्रदर्शन को देखते हुए पहले पार्टी हाईकमान राज्य नेतृत्व को विस उपचुनाव के लिए एक पैसा भी देने को तैयार नहीं था।

हालांकि, राज्य नेतृत्व की ओर से बंगाल में पार्टी के पर्यवेक्षक गुलाम मीर के साथ बैठक में फंड पर जोर दिया गया, जिसके बाद इसकी मंजूरी दे दी गई। बैठक में प्रदेश नेताओं की ओर से कहा गया कि पार्टी हाईकमान की आर्थिक सहायता के बिना विस उपचुनाव लड़ना संभव नहीं हो पाएगा। बागदा सीट पर कांग्रेस की जीत की प्रबल संभावना का भी दावा किया गया।

पहले रखी थी ये शर्त

कारण बताते हुए कहा गया कि वहां तृणमूल कांग्रेस और भाजपा, दोनों ने बाहरी प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि उन्होंने स्थानीय पार्टी नेता को टिकट दिया है। मीर की ओर से पहले तर्क देते हुए कहा गया था कि पार्टी में विस उपचुनाव के लिए फंड देने का नियम नहीं है, राज्य नेतृत्व को यह अपने बूते लड़ना पड़ता है, लेकिन बंगाल कांग्रेस ने आर्थिक बदहाली का हवाला दिया, जिसके बाद बात बनी।

नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा तेज 

दूसरी तरफ बंगाल कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चर्चा तेज हो गई है। अधीर रंजन चौधरी बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहेंगे अथवा नहीं, यह बड़ा सवाल है। बहरामपुर लोस सीट से पांच बार के सांसद अधीर इस बार तृणमूल प्रत्याशी पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान से हार गए हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता को लेकर पार्टी में सवाल उठ रहे हैं।

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