पूजा पंडाल में झलकेगा बंगाल की समृद्ध विरासत का अद्भुत नजारा, मेदिनीपुर के पाट शिल्पकार अपनी कलाकृतियों का करेंगे प्रदर्शन
bengal durga puja महानगर के प्रमुख दुर्गापूजा आयोजकों में से एक भवानीपुर 75 पल्ली का थीम इस बार विरासत के संरक्षण पर आधारित है। ऐतिज्य बेचे थाकूक-लेट द हेरिटेज लिव नामक इस थीम के जरिए बंगाल की समृद्ध विरासत को दर्शाया जाएगा।
By Vijay KumarEdited By: Updated: Fri, 09 Sep 2022 08:34 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : महानगर के प्रमुख दुर्गापूजा आयोजकों में से एक भवानीपुर 75 पल्ली का थीम इस बार विरासत के संरक्षण पर आधारित है। 'ऐतिज्य बेचे थाकूक-लेट द हेरिटेज लिव नामक इस थीम के जरिए बंगाल की समृद्ध विरासत को दर्शाया जाएगा। भवानीपुर 75 पल्ली अपनी अभिनव अवधारणा और उत्सव मनाने की अनूठी शैली के लिए अपना विशेष स्थान रखती है। भवानीपुर 75 पल्ली के संयोजक सायन देब चटर्जी ने कहा-'यूनेस्को ने बंगाल की दुर्गापूजा को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता प्रदान की है।
यह हमारे लिए एक बड़ा सम्मान है। हमें विश्वास है कि विलुप्त होता पाट शिल्प इस वर्ष हमारी पूजा प्रस्तुति के माध्यम से अपना खोया गौरव और प्रसिद्धि प्राप्त करेगा। मेदिनीपुर जिले के पिंगला और नयाग्राम गांवों के पाट शिल्प से जुड़े लोग संगठित स्टालों में अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन करेंगे। उन्हें उनके गांव से लाने में, उनके लिए भोजन, रहने समेत तमाम सुविधाओं की व्यवस्था हम करेंगे जैसा कि हमने पिछले साल चाऊ और झुमुर कलाकारों के लिए किया था, जिन्होंने दुर्गापूजा के दौरान लाइव परफार्मेंस किया था।
पुरुलिया जिले के मास्क कलाकारों ने अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन और बिक्री कर अच्छा मुनाफा किया था। हम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सेवा कार्यो से प्रेरित हैं। इन कलाकारों की हम अपने समर्थ के मुताबिक आर्थिक मदद करने के लिए अपनी ओर से पूरी कोशिश करेंगे। सायन देब चटर्जी ने आगे कहा-'पिछले कुछ वर्षों से हम लगातार नई थीम के साथ पूजा पंडाल का निर्माण करने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे हम दर्शनार्थियों के दिलों में एक मजबूत जगह बनाने में कामयाब हो सके हैं। इस साल भी हमारी ऐसी ही कोशिश है।
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