Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Bengal News: 'राज्यपाल ने की बंगाल के शिक्षाविदों की अनदेखी' शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु का बड़ा आरोप

बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने कुलपति पद के उम्मीदवारों संबंधी खोज समिति में बंगाल के शिक्षाविदों की अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने खोज समिति के सदस्यों के रूप में तीन से पांच नामों की सूची अलग से उच्चतम न्यायालय को सौंपी है।

By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Fri, 29 Sep 2023 04:18 PM (IST)
Hero Image
बंगाल के शिक्षा मंत्री ने राज्यपाल पर लगाया गंभीर आरोप

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने आरोप लगाया कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस को राज्य से एक भी ऐसा शिक्षाविद नहीं मिला, जिसे कुलपति पद के लिए उम्मीदवारों का चयन करने वाली प्रस्तावित खोज समिति में शामिल किया जा सके। राज्यपाल ने राज्य सरकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अलावा खोज समिति के सदस्यों के रूप में तीन से पांच नामों की सूची अलग से सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है। उच्चतम न्यायालय ने 15 सितंबर को सूची सौंपने का निर्देश दिया था।

'राज्यपाल ने की बंगाल के शिक्षाविदों की अनदेखी'

मंत्री ने गुरुवार रात को एक पुस्तक मेले के इतर संवादादाताओं से बातचीत में दावा किया कि राज्यपाल की सूची में राज्य के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों की अनदेखी की गयी है। उन्होंने कहा,

राज्यपाल का इरादा खोज समिति के सदस्यों के रूप में कुछ कठपुतलियों को शामिल करने का है जो उनके इशारों पर नाचेंगे। उन्होंने पहले और बल्कि अब भी अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति में भी यही प्रक्रिया अपनायी है। इसके विपरीत, राज्य ने भारतीय सांख्यिकी संस्थान जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक निकायों, केंद्रीय उच्च शैक्षणिक संस्थानों से कभी भेदभाव नहीं किया। इसलिए हमारी खोज समिति में हमने आइएसआइ के एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद को शामिल किया है।’’

उच्च शिक्षा विभाग के सूत्रों ने दावा किया कि राजभवन द्वारा भेजी गयी खोज समिति की सूची में पश्चिम बंगाल से एक प्रतिनिधि है और वह आइआइटी खड़गपुर के निदेशक हैं। सूत्रों ने पुष्टि की, कि बाकी के प्रस्तावित सभी नाम बंगाल के बाहर के हैं।

(फाइल फोटो)

यह भी पढ़ें: Bengal: क्या सीबीआइ सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज के खिलाफ कर सकती है जांच - जस्टिस गंगोपाध्याय

सूत्रों ने बताया कि इस सूची में रबींद्र भारती विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सब्यसाची बसु रॉय चौधरी, साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स के सेवानिवृत्त प्रोफेसर अभिजीत चक्रवर्ती, आइएसआइ के प्रोफेसर अभिरूप सरकार आदि के नाम भी शामिल हैं। बसु ने इन नामों की पुष्टि करते हुए कहा कि हमने अपनी सूची में राज्य या केंद्रीय संगठनों के शिक्षकों के साथ कोई पक्षपात नहीं किया है।

यह भी पढ़ें: Bengal: कमाने वाली पत्नी की आय की परिवार के अन्य सदस्यों की आय से नहीं की जा सकती तुलना- हाई कोर्ट

खोज समिति गठित कर सकती है उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ

उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ तीनों पक्षों द्वारा भेजी गयी सूची पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद खोज समिति गठित कर सकती है। बंगाल सरकार ने पहले राजभवन पर राज्य के 22 विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए खोज समिति गठित करने के विधेयक को रोकने का आरोप लगाया था, लेकिन राजभवन ने कहा था कि राज्य राजनीतिक वजहों से कैम्पस में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का आधिपत्य बनाए रखना चाहता है और उसका इरादा संस्थाओं को स्वायत्तता देने का नहीं है।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें