रैगिंग रोकने के लिए बंगाल के राज्यपाल ने इसरो से मांगा सहयोग, उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की जताई मंशा
राजभवन सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने रैगिंग रोकने को इमेज मैचिंग रिमोट सेंसिंग तकनीक आटोमैटिक टारगेट रिकाग्निशन और वीडियो विश्लेषण जैसी प्रौद्योगिकी के प्रयोग को लेकर इसरो के शीर्ष अधिकारियों से बातचीत की है। उन्होंने इस बाबत देश के अन्य प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों के साथ भी इसी तरह की बातचीत शुरू की है। राजभवन के एक अधिकारी ने कहा कि अभी बातचीत शुरुआती चरण में है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के राज्य विश्वविद्यालयों (विवि) में रैगिंग की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए राज्यपाल व विवि के कुलाधिपति डा सीवी आनंद बोस ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से सहयोग मांगा है। राज्यपाल ने इस बाबत इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ से संपर्क किया है। इसके साथ ही हैदराबाद स्थित एडवांस्ड डाटा प्रोसेसिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट से भी बातचीत की है।
रैगिंग रोकने के लिए इसरो से मांगी मदद
राज्यपाल विवि में रैगिंग रोकने के लिए इसरो की उन्नत प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना चाहते हैं, जिसमें हाई मानीटरिंग भी शामिल है। यह पहल गत 10 अगस्त को जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में प्रथम वर्ष के एक छात्र की रैगिंग की वजह से मौत की घटना के बाद की गई है।
राज्यपाल ने की शीर्ष अधिकारियों से बातचीत
राजभवन सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने रैगिंग रोकने को इमेज मैचिंग, रिमोट सेंसिंग तकनीक, आटोमैटिक टारगेट रिकाग्निशन और वीडियो विश्लेषण जैसी प्रौद्योगिकी के प्रयोग को लेकर इसरो के शीर्ष अधिकारियों से बातचीत की है। उन्होंने इस बाबत देश के अन्य प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों के साथ भी इसी तरह की बातचीत शुरू की है।
रैगिंग रोधी दिशानिर्देशों को लागू करने पर जोर
राजभवन के एक अधिकारी ने कहा कि अभी बातचीत शुरुआती चरण में है। कौन सी तकनीक कैसे काम करेगी इसकी जानकारी संबंधित तकनीक के चयन के बाद ही पता चलेगा। आने वाले समय में इसे लेकर और बातचीत होगी। विभिन्न विवि के कुलपतियों के साथ अपनी सभी बैठकों में राज्यपाल ने लगातार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित सभी रैगिंग रोधी दिशानिर्देशों को लागू करने पर जोर दिया था। प्रौद्योगिकी के माध्यम से रैगिंग रोकना इस दिशा में राज्यपाल की नई पहल है।
जेयू प्रबंधन ने भी माना, हुई थी रैगिंग
जेयू प्रबंधन ने भी अब इस बात को मान लिया है कि छात्र स्वपनदीप की रैगिंग हुई थी। आतंरिक जांच कमेटी ने रैगिंग से निपटने में प्रशासनिक विफलता की भी बात स्वीकारी है। इससे पहले मामले की जांच कर रही पुलिस व उसके बाद पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग ने रैगिंग की बात कही थी। आतंरिक जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जेयू के अंतरिम कुलपति नियुक्त किए गए बुद्धदेव साव को सौंप दी है, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि स्वपनदीप की मौत में रैगिंग की भी भूमिका है।