RG Kar अस्पताल में एक्सपायर दवाओं की होती थी आपूर्ति, CBI के हाथ लगे चौंकाने वाले सबूत
Kolkata Doctor Case सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी की वारदात के पहले और उसके बाद की पांच-पांच पोस्टमार्टम रिपोर्ट अस्पताल प्रबंधन से मांगी है। रिपोर्टों से सीबीआई जांच करेगी कि अस्पताल द्वारा चोटों की जांच कैसे की गई थी। बता दें कि महिला डॉक्टर के शरीर पर चोट के कई निशान मिले थे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता में सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही सीबीआई को अस्पताल में एक्सपायर हो चुकी दवाओं की आपूर्ति के बारे में सुबूत मिले हैं। इस तरह के घातक अपराध का मास्टरमाइंड अस्पताल का पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष था और पूरा घोटाला खुदरा वितरकों के एक वर्ग के जरिए किया जा रहा था।
घोष इस तरह के घातक जालसाजी का सूत्रधार
एक्सपायर हो चुकी दवाओं को नष्ट करने के बजाय खुदरा वितरकों को वापस भेज दिया जाता था, जिनका काम उन्हें नई एक्सपायरी तिथियों के साथ नई पैकिंग करना था। इसके बाद उन एक्सपायर हो चुकी दवाओं को अस्पताल को फिर से बेच दिया जाता था और घोष इस तरह के घातक जालसाजी को सुव्यवस्थित करने के लिए कमीशन के रूप में मोटी रकम कमाता था।
कई विभागों में होती थी आपूर्ति
सूत्रों ने बताया कि इस तरह की एक्सपायर दवाएं चेस्ट-मेडिसिन विभाग में भी आपूर्ति की जाती थी। इस विभाग की दवाएं अमूमन काफी महंगी होती हैं। इस साल अगस्त में आरजी कर अस्पताल में दरिंदगी की शिकार महिला डॉक्टर चेस्ट-मेडिसिन विभाग से जुड़ी हुई थीं।पीड़िता को थी दवाओं की गुणवत्ता की जानकारी
कई गवाहों ने जांच अधिकारियों को बताया है कि पीड़िता चेस्ट-मेडिसिन विभाग को आपूर्ति की जाने वाली दवाओं की गुणवत्ता के बारे में सबसे मुखर थीं। जांच अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस जघन्य अपराध का दवाओं की गुणवत्ता के बारे में पीड़िता की आपत्तियों से कोई संबंध है या नहीं।
सीबीआई ने अस्पताल से मांगी पोस्टमार्टम रिपोर्ट
बता दें कि सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से 10 पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगी है। इस घटना के पोस्टमार्टम को लेकर भी सवाल उठे थे। दूसरी ओर अस्पताल के मुर्दाघर के दो वायरल वीडियो जिसमें सहायक मुर्दाघर कर्मियों को पोस्टमार्टम करते देखा गया है, सामने आने के बाद स्वास्थ्य भवन के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है।कमेटी स्वास्थ्य भवन को रिपोर्ट सौंपेगी
मूल रूप से यह जांच कमेटी अस्पताल के प्रिंसिपल के नेतृत्व में काम करेगी। जांच पूरी होने के बाद कमेटी स्वास्थ्य भवन को रिपोर्ट सौंपेगी। आरजी कर अस्पताल के एमएसवीपी डॉ. सप्तर्षि चटर्जी खुद फारेंसिक मेडिसिन विभाग में एमडी हैं। इसलिए उन्होंने फैसला किया है कि दिसंबर से वह हफ्ते में एक बार मुर्दाघर जाएंगे और खुद ही पोस्टमार्टम करेंगे।
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