Bengal News: सितरंग चक्रवात से पलटी मछुआरों की नाव, कोस्ट गार्ड ने ज्वाइंट आपरेशन कर 20 की बचाई जान
Bengal News-भारत और बांग्लादेश के बीच अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के पास बल के डोर्नियर विमान ने मछुआरों को मुसीबत में फंसे देखा। यह मछुआरे जहां फंसे थे वो जगह बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में सागर द्वीप से लगभग 90 समुद्री मील की दूरी पर थी।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। Bengal News: भारतीय तटरक्षक बल (कोस्ट गार्ड) ने चक्रवात सितरंग के मद्देनजर बंगाल की खाड़ी में एक जाइंट आपरेशन में 20 बांग्लादेशी मछुआरों की जान बचाई। इस चक्रवात ने पड़ोसी देश में कम से कम 35 लोगों की जान ले ली और करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। कोलकाता में कोस्ट गार्ड बल के उत्तर पूर्व मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी के अनुसार, भारत और बांग्लादेश के बीच अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आइएमबीएल) के पास मंगलवार को बल के डोर्नियर विमान ने मछुआरों को मुसीबत में फंसे देखा। यह मछुआरे जहां फंसे थे वो जगह बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में सागर द्वीप से लगभग 90 समुद्री मील (लगभग 167 किमी) की दूरी पर थी। इस तरह की सेनिटाइसेशन उड़ानें यह जांचने के लिए शुरू की जाती हैं कि क्या चक्रवात के बाद कोई नाविक या मछुआरे संकट में हैं? मछुआरे पानी में तैर रहे थे और नावों के उलट जाने से मलबे में फंस गए थे।
अधिकारी ने कहा, हमारे डोर्नियर ने तुरंत उनके पास एक लाइफ राफ्ट गिरा दिया और सुनिश्चित किया कि सभी उस पर चढ़ गए थे। फिर उस इलाके के एक व्यापारी जहाज एमवी नंता भुम को इन मछुआरों को अपनी जहाज में लेने का निर्देश दिया गयाष एमवी नंता भुम मलेशिया के पोर्ट क्लैंग से कोलकाता बंदरगाह की ओर जा रहा था।
आइसीजी डोर्नियर्स ने फिर यह सुनिश्चित करने के लिए दो और उड़ानें भरीं कि सहायता की आवश्यकता वाले लोग वहां नहीं हैं। खोज और बचाव कार्यो में सहायता के लिए आइसीजी जहाजों विजया, वरद और सी-426 को भी क्षेत्र की ओर मोड़ दिया गया।
यह भी पढ़ें- Maharastra: जमानत के लिए अब बांबे हाईकोर्ट की शरण में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख
बाद में 20 बांग्लादेशियों को आइसीजीएस विजया ने अपने कब्जे में ले लिया। जहाज पर उनका चिकित्सकीय परीक्षण किया गया और उन्हें भोजन और पानी उपलब्ध कराया गया। अधिकारी ने बताया कि बांग्लादेशी अधिकारियों को भी इस बारे में सूचित कर दिया गया है और मछुआरों को जल्द पड़ोसी देश के तटरक्षक बल को सौंप दिया जाएगा।