Bengal News: व्यवसायी भाइयों के ठिकाने पर 8 करोड़ की नगदी मिलने के बाद चौंकाने वाले खुलासे, दो माह में बैंक खाते में 77 करोड़ का लेन-देन
Bengal News छापेमारी में दोनों भाइयों के ठिकानों से अब तक 8.15 करोड़ रुपये की नकदी समेत बड़ी मात्रा में सोने चांदी व हीरे के जेवरात जब्त किए जा चुके हैं। इससे पहले नकदी की बरामदगी के बाद पुलिस ने उनके दो बैंक खातों को भी सील कर दिया।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। Bengal News: धोखाधड़ी मामले में बंगाल के हावड़ा में दो व्यवसायी भाइयों शैलेश और अरविंद पांडेय के घर छापेमारी में मिली करोड़ों की नकदी मामले की जांच में लगातार खुलासे हो रहे हैं। अब पता चला है कि चावल व्यवसाय की आड़ में इनके द्वारा खुलवाए गए बैंक अकाउंट में अगस्त व सितंबर महीने में करीब 77 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है।
दो बैंकों द्वारा कोलकाता पुलिस में 14 अक्टूबर को दोनों के खातों में बड़ी रकम के लेन-देन की शिकायत मिलने के बाद ही कोलकाता पुलिस की एंटी बैंक फ्राड टीम ने इनके घर पर तलाशी अभियान चलाया था। छापेमारी में दोनों भाइयों के ठिकानों से अब तक 8.15 करोड़ रुपये की नकदी समेत बड़ी मात्रा में सोने, चांदी व हीरे के जेवरात जब्त किए जा चुके हैं। इससे पहले नकदी की बरामदगी के बाद पुलिस ने उनके दो बैंक खातों को भी सील कर दिया, जिसमें 20 करोड़ रुपये जमा थे।
दोनों भाई फिलहाल फरार हैं और कोलकाता पुलिस ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया है। इनमें मुख्य आरोपित शैलेश पांडेय चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) भी हैं। कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) मुरलीधर शर्मा ने बताया कि जांच में पता चला कि स्ट्रैंड रोड स्थित एक पते पर दो कंपनियों के नाम पर दोनों भाइयों द्वारा करेंट अकाउंट खुलवाया गया।
अकाउंट खुलवाते समय बताया गया कि यह दोनों कंपनियां चावल एवं फूड ग्रेन से जुड़ा व्यवसाय करती हैं। इसके बाद अचानक देखा गया कि अगस्त व सितंबर में दोनों बैंक अकाउंट से 77 करोड़ का लेनदेन हुआ है। पुलिस को जांच में पता चला है कि वास्तव में दोनों भाइयों द्वारा फारेक्स ट्रेडिंग (विदेशी मुद्रा विनिमय) कोर्स के नाम पर लोगों से छोटी-छोटी राशि जुटाकर ठगी की जाती थी।
आनलाइन ऐप के जरिए की जाती थी ठगी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सीए शैलेश द्वारा आइएक्स ग्लोबल नाम के आनलाइन ऐप के जरिए फारेक्स ट्रेडिंग का कोर्स कर मोटी आमदनी का प्रलोभन देकर यूट्यूब, टेलीग्राम प्लेटफार्म एवं फोन के जरिए लोगों से संपर्क किया जाता था। कोर्स करवाने के बदले लोगों से एक निश्चित राशि ली जाती थी।
कोर्स से जुड़ने वाले लोगों को कमीशन का प्रलोभन देकर दूसरों को भी इससे जोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता था। कमीशन के लालच में बड़ी संख्या में लोग इससे जुड़ते चले गए। इस तरह से आनलाइन कोर्स के जरिए लोगों को जोड़ने का चेन बनवाकर ठगी का धंधा किया जाता था। वहीं, राशि लेने के बाद संबंधित लोगों को ब्लाक कर दिया जाता था। इस तरह से दोनों भाई फारेक्स ट्रेड के नाम पर नेटवर्किंग चेन चला रहा था और पैसे की ठगी की जाती थी।