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बंगाल में 60 वर्ष पार कर चुके 66 लोगों को दिया गया नियुक्ति पत्र, प्राथमिक शिक्षा बोर्ड का कारनामा

बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड का एक नया कारनामा प्रकाश में है बोर्ड की ओर से सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष पार कर चुके 66 लोगों को नियुक्ति पत्र दे दिया गया। हालांकि शिक्षक संगठन अखिल बंगाल प्राथमिक शिक्षक संगठन (एबीपीटीए) ने इसकी जांच की मांग की है। दरअसल प्रशिक्षण प्राप्त करने के बावजूद इन्हें शेष अवधि में नौकरी नहीं मिली थी। बाद में पैनल रद्द कर दिया गया।

By Jagran News Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Thu, 18 Jan 2024 09:47 PM (IST)
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बंगाल में सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष पार कर चुके 66 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया है। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड का एक नया कारनामा प्रकाश में है, बोर्ड की ओर से सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष पार कर चुके 66 लोगों को नियुक्ति पत्र दे दिया गया। दरअसल, प्रशिक्षण प्राप्त करने के बावजूद इन्हें शेष अवधि में नौकरी नहीं मिली थी। बाद में पैनल रद्द कर दिया गया।

वर्षों इंतजार के बाद मिला नियुक्ति पत्र

साल 1983 में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला, ये लोग लंबे समय तक इंतजार ही करते रहे। इतने दिनों बाद बोर्ड ने नियुक्ति पत्र भेजा है। इस संबंध में हुगली जिला प्राथमिक शिक्षा बोर्ड की अध्यक्ष शिल्पा नंदी ने कहा कि अभी कुछ नहीं कह सकती। शिक्षक संगठन अखिल बंगाल प्राथमिक शिक्षक संगठन (एबीपीटीए) ने इसकी जांच की मांग की है।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने दिया था आदेश

गत 20 दिसंबर को कलकत्ता हाई कोर्ट ने नौकरी चाहने वालों की नियुक्ति का आदेश दिया था। इसी के तहत 66 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया है। उनकी नियुक्ति आठ अगस्त 2014 से प्रभावी है। इनमें से चार लोगों की मौत भी हो चुकी है। नियुक्ति पत्र मिलने के बाद जिले के पांडुआ के दीनबंधु भट्टाचार्य गुरुवार को मंडल कार्यालय गए थे। वहां जाकर उन्होंने कहा कि उन्हें प्रशिक्षित किया गया था, लेकिन नौकरी नहीं मिली।

वहीं, भाजपा की राज्य कमेटी के सदस्य स्वपन पाल ने कहा कि जिन लोगों की मौत हो गई है, उन्हें भी नियुक्ति पत्र दे दिया गया है। बाकियों में से कोई भी काम करने की उम्र का नहीं है। ऐसी निकम्मी सरकार है जिसे पता ही नहीं कि कौन ¨जदा है और कौन मर गया। हुगली जिला परिषद के शिक्षा अधिकारी सुबीर मुखोपाध्याय ने कहा कि अदालत के निर्देश के बाद विभाग ने ऐसा किया है।

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