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कलकत्ता हाई कोर्ट का कमरा नंबर- 11, भूतों के जासूसों ने दी अप्लीकेशन, कहा- परमीशन दें तो खोल देंगे राज

Kolkata News भूतों के जासूसों में से एक ने कलकत्ता हाईकोर्ट में अप्लीकेशन दी है। कोर्ट से कहा कि यदि वो उनकी टीम को एक रात उस 11 नंबर कमरे में बिताने की इजाजत दें तो वो उसका राज खोल सकेंगे।

By Jagran NewsEdited By: Vinay Kumar TiwariUpdated: Wed, 09 Nov 2022 09:28 PM (IST)
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Kolkata News: हांटेड हाउस के 11 नंबर कमरे की सच्चाई का पता लगाना चाहते हैं घोस्ट डिटेक्टिव।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। Kolkata News:: घोस्ट डिटेक्टिव यानी भूतों के जासूसों में से एक ने कलकत्ता हाई कोर्ट में आवेदन दाखिल किया है कि वे कोर्ट के कथित भूतहा कमरे में रात बिताना चाहते हैं तथा इसकी सच्चाई का पता लगाना चाहते हैं। 

इसके लिए उन्होंने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव को रजिस्टर जनरल के माध्यम से एक आवेदन भेजा है जिसमें उनसे हांटेड हाउस कहे जाने वाले कलकत्ता हाई कोर्ट के 11 नंबर कमरे में रहना चाहते हैं। उस कमरे में भूतों के रहने को लेकर कई तरह की दंत कथाएं हैं।

जासूसों का कहना है कि उस कमरे में वे नवीनतम उपकरणों के साथ पूरी वैज्ञानिक तरीके से भूतों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश करेंगे, ताकि उक्त कमरे को लेकर जो बातें होती हैं वह सिर्फ दंत कथाएं व कल्पना मात्र है या उसमें कुछ सच्चाई भी है। 

इन भूतों के जासूसों को अभी तक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अनुमति नहीं मिली है। आवेदन करने वाले घोस्ट डिटेक्टिव देवराज सान्याल अपना परिचय घोस्टबस्टर के रूप में देते हैं। उनका कहना है कि वह परिष्कृत अत्याधुनिक उपकरणों के साथ काम करते हैं, जिससे के जरिए यह पता लगाने की कोशिश होती है कि कहीं कुछ अस्वभाविक तो नहीं हो रहा है। उसे विज्ञान की कसौटी पर पूरी तरह से कसने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचते हैं।

उन्होंने दावा किया कि भूतों के मिथक उनकी टीम ने कई जगहों पर तोड़ा है। देवराज के अनुसार जहां बहुत अधिक विद्युत प्रवाहित होती है या जहां पास में मोबाइल टावर होते हैं, वहां एक विद्युत-चुंबकीय क्षेत्र बन जाता है। उस स्थान के निवासी का मन अवचेतन अधिक होता है। अवचेतन मन लोगों को वह दिखाना चाहता है जो वे नहीं देखना चाहते।

देवराज की टीम पहले ही कोलकाता के जोड़ाबागान ट्रैफिक गार्ड के प्रेत घर के रूप में कुख्यात कमरे में रात बिता चुकी है। लेकिन वे कहते हैं उनके परीक्षणों से किसी आत्मा के अस्तित्व का पता नहीं चला है। हालांकि कई लोग यह जानने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि कलकत्ता हाई कोर्ट में आखिर क्या है।

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