Bengal: बिना डॉक्टर की पर्ची के एंटीबायोटिक दवाओं की बिक्री पर होगी सख्त कार्रवाई, प्रशासन ने लिया अहम फैसला
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई रिपोर्टों और निष्कर्षों के आधार पर यह निर्णय लिया गया है कि बिना प्रिस्क्रिप्शन कोई भी एंटीबायोटिक दवाएं बेचने पर कार्रवाई होगी। स्वास्थ्य विभाग ने कृषि फार्मों पोल्ट्री हैचरी और मछली पालन केंद्रों में भी एंटीबायोटिक पदार्थों के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल पर निगरानी रखने के लिए राज्य पशुपालन विभाग के साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया है।
By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariUpdated: Sun, 26 Nov 2023 05:22 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य की दवा दुकानों में बिना डॉक्टर की पर्ची (प्रिस्क्रिप्शन) एंटीबायोटिक दवाओं की बड़े पैमाने पर बिक्री पर सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई रिपोर्टों और निष्कर्षों के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। दरअसल, कुछ एंटीबायोटिक दवाओं के धड़ल्ले से इस्तेमाल के कारण मानव शरीर में दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया की बढ़ती वृद्धि हो रही है।
बिना सलाह लिए लोग खरीद रहे एंटीबायोटिक दवाइयां
स्वास्थ्य विभाग ने कृषि फार्मों, पोल्ट्री, हैचरी और मछली पालन केंद्रों में भी एंटीबायोटिक पदार्थों के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल पर निगरानी रखने के लिए राज्य पशुपालन विभाग के साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया है।अधिकारी ने कहा, "एंटी बायोटिक दवाओं का बेतहाशा इस्तेमाल एक दुष्चक्र बन गया है। एक बार जब मानव शरीर में एंटीबायोटिक दवाओं के एक निश्चित स्तर के लिए कुछ दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया विकसित हो जाते है, तो लोग एंटीबायोटिक दवाओं की मजबूत खुराक का सहारा लेने लगते हैं। इस चक्र के चलते मानव शरीर में दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया की वृद्धि हो रही है।"
डॉक्टरों ने शुरू किया जागरुकता अभियान
ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि खुदरा केमिस्ट और मेडिकल का एक वर्ग बिना किसी प्रिस्क्रिप्शन के एंटीबायोटिक दवाएं बेच रहा है। अधिकारी ने कहा, "हमने अब इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों के साथ मिलकर जागरूकता अभियान शुरू करने का भी निर्णय लिया है, ताकि लोगों को डॉक्टरों की सलाह के अनुसार एंटीबायोटिक दवाओं के उचित उपयोग के बारे में जागरूक किया जा सके।"यह भी पढ़ें: Bengal: 'सिर्फ मारना-पीटना ही क्रूरता नहीं, दांपत्य जीवन को...', कलकत्ता हाई कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा?
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