बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: ईडी का बड़ा दावा, प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में हुआ 500 करोड़ से अधिक का घोटाला
शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही ईडी के नए खुलासे किए हैं। ईडी ने दावा करते हुए कहा है कि 2012 से 2022 तक सिर्फ प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में 500 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ है।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Tue, 27 Dec 2022 06:26 PM (IST)
कोलकाता, राज्य ब्यूरो: शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही ईडी के नए खुलासे किए हैं। ईडी ने दावा करते हुए कहा है कि 2012 से 2022 तक सिर्फ प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में 500 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ है। घोटाले में पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मानिक भट्टाचार्य की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है। ईडी ने अपनी जांच में यह भी पाया है कि 2011 में तृणमूल कांग्रेस के बंगाल की सत्ता पर काबिज होने के अगले साल यानी 2012 से ही शिक्षा क्षेत्र में घोटाला शुरू हो गया था।
शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना से शुरू हुआ था खेल
शिक्षक भर्ती घोटाले का सूत्रपात कोलकाता में एक शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के साथ हुआ था, जिसके अध्यक्ष तृणमूल के एक प्रभावशाली नेता थे। ईडी ने बताया कि सिर्फ शिक्षकों की नियुक्ति नहीं, निजी डीएलएड कालेजों के अनुमोदन, लाइसेंस के नवीकरण, छात्रों की आफलाइन व आनलाइन भर्ती के बाबत भी भारी रिश्वत ली गई थी। इसमें लगभग 30 करोड़ रुपये के घोटाले का पता चला है। इसमें भी मानिक भट्टाचार्य की संलिप्तता सामने आई है।
मानिक भट्टाचार्य इशारे पर करते थे काम
जानकारी के मुताबिक, मानिक भट्टाचार्य राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के इशारे पर काम करते थे। पार्थ की भी गिरफ्तारी हो चुकी है और इस समय वे प्रेसिडेंसी जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी सूत्रों ने बताया कि 2012 में कोलकाता में वीरभूम जिले के एक बाहुबली नेता की छत्रछाया में एक शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत हुई थी। इसके जरिए डीएलएड कालेजों को अनुमोदन प्रदान किया जाता था, जिसकी एवज में 50-50 हजार रुपये लिए जाते थे।यह भी पढ़ें : सुवेंदु अधिकारी की विरोध की शैली को लेकर BJP में उठ रहे सवाल, दिलीप घोष ने कही ये बातयह भी पढ़ें: SSC भर्ती घोटाला: शिक्षा विभाग ने जारी की अवैध रूप से नियुक्त गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए अधिसूचना
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