बंगाल में नहीं थम रही राजनीतिक हिंसा, बैरकपुर में बम से हमला कर भाजपा कार्यकर्ता की हत्या
बंगाल में चुनाव नतीजों के बाद से जारी राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश भाजपा ने दावा किया कि उत्तर 24 परगना के बैरकपुर इलाके में उसके पार्टी कार्यकर्ता पर बम से हमला कर हत्या कर दी गई। मृत कार्यकर्ता का नाम जयप्रकाश यादव बताया गया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में चुनाव नतीजों के बाद से जारी राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश भाजपा ने रविवार को दावा किया कि उत्तर 24 परगना के बैरकपुर इलाके में उसके पार्टी कार्यकर्ता पर बम से हमला कर निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई। मृत कार्यकर्ता का नाम जयप्रकाश यादव बताया गया है। भाजपा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को इस हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
भाजपा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर लगाया हत्या का आरोप
भाजपा ने एक बयान जारी कर दावा किया कि उक्त कार्यकर्ता के खिलाफ कई झूठे मामले भी दर्ज किए गए थे। पार्टी नेताओं ने कहा कि बंगाल में भाजपा करने की सजा उनके कार्यकर्ताओं और समर्थकों को मौत के घाट उतार कर दी जा रही है। उन्होंने कहा कि बंगाल में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। पार्टी की ओर से मृत कार्यकर्ता की जो तस्वीर जारी की गई है वह बेहद ही भयानक है। इसमें साफ देखा जा रहा है कि मुंह व सिर के हिस्से के परखच्चे उड़ गए हैं।बता दें कि कोलकाता से सटे बैरकपुर संसदीय सीट पर इस समय भाजपा का कब्जा है और 2019 में यहां से जीतने वाले अर्जुन सिंह का क्षेत्र में खासा प्रभाव है।
बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से हिंसा का दौर जारी
भाजपा सांसद अर्जुन सिंह 2019 के चुनाव से ठीक पहले तृणमूल छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे और इसके बाद से ही बैरकपुर क्षेत्र में लगातार राजनीतिक हिंसा होती आ रही है। दूसरी तरफ, बंगाल में दो मई को विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से हिंसा का दौर जारी है।
रविवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया कि ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से अब तक भाजपा के 32 कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि अब तक 15 भाजपा उम्मीदवारों एवं चार नवनिर्वाचित विधायकों पर भी हमला किया गया है और यह सिलसिला जारी है।
घोष ने साथ ही कहा कि अब तक पूरे राज्य भर में हजारों कार्यकर्ताओं के घरों पर हमले, आगजनी एवं तोड़फोड़ की जा चुकी है, जिसके चलते अब भी बड़ी संख्या में भाजपा समर्थक राज्य छोड़कर दूसरे जगहों पर शरण लिए हुए हैं।