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'एतो दाम खाबो की?', महंगाई के मुद्दे पर बंगाल विधानसभा में हंगामा, भाजपा विधायकों ने किया वॉकआउट

Bengal News महंगाई और आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ने के विरोध में बंगाल विधानसभा से भाजपा ने विधानसभा से वॉकआउट किया। विधायकों ने विधानसभा गेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इससे पहले भाजपा ने ममता सरकार पर बिचौलियों की भूमिका पर अंकुश न लगा पाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार की जांच की घोषणा के बाद भी महंगाई बढ़ रही है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 02 Aug 2024 04:06 PM (IST)
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भाजपा विधायकों ने विधानसभा के गेट पर महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। (File Image)
पीटीआई, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ने के विरोध में भाजपा विधायकों ने शुक्रवार को विधानसभा से वॉकआउट किया। भाजपा विधायकों ने विधानसभा के गेट पर महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया।

मूल्य वृद्धि और इस पर पश्चिम बंगाल सरकार की भूमिका के खिलाफ भाजपा ने स्थगन प्रस्ताव भी पेश किया, जिस पर बोलते हुए भाजपा विधायक नरहरि महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जांच की सार्वजनिक घोषणा के बावजूद आलू, प्याज और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं। महतो ने कहा, 'यह स्पष्ट है कि मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है। राज्य बिचौलियों की भूमिका पर अंकुश लगाने में विफल रहा है।'

सरकार के दावे का भाजपा ने किया विरोध

विधानसभा में बंगाल के कृषि मंत्री सोवनदेब चटर्जी ने कहा कि आलू 28 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है, जिसके बाद विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और अन्य भाजपा विधायकों ने उनके दावे का विरोध किया। चटर्जी ने बाद में मीडिया के समक्ष स्पष्ट किया कि उनके कहने का मतलब यह था कि 600 सरकारी आवश्यक वस्तुओं की दुकानों (सुफल) में आलू 28 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा था और इससे अन्य दुकानों में भी कंद की कीमतें कम करने में मदद मिली है।

सोवनदेब चटर्जी ने दावा किया कि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण मूल्य वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए कदम नहीं उठाए हैं और यहां तक ​​कि आवश्यक वस्तु अधिनियम को भी निरर्थक बना दिया है, जिससे राज्य के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग करना मुश्किल हो गया है।

बिजली की दरों में वृद्धि का उठा मुद्दा

वहीं विधानसभा में भाजपा के चीफ व्हिप शंकर घोष सहित महतो और अन्य भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के स्वामित्व वाली और निजी बिजली कंपनियां असामान्य रूप से बिजली की दरें बढ़ा रही हैं, जिससे आम आदमी प्रभावित हो रहा है। इस पर कृषि मंत्री ने दावा किया कि राज्य में डब्ल्यूबीएसईडीसीएल की बिजली दरें देश में सबसे कम हैं, जबकि कोलकाता में निजी बिजली कंपनी सीईएससी को सरकार ने अपना स्लैब तर्कसंगत और किफायती रखने के लिए कहा है।

सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन में मौजूद करीब 30 बीजेपी विधायकों ने 'एटो दाम खाबो की?' (यह इतना महंगा है, हम क्या खाएंगे?) जैसे नारे लिखी तख्तियां लेकर वॉकआउट कर दिया। सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में विधायकों ने विधानसभा गेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

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