बोगटुई नरसंहार: जांच टीम में दो अधिकारियों को नियुक्त करना चाहता है सुप्रीम कोर्ट, घटना में 11 लोगों की हुई थी मौत
सुप्रीम कोर्ट बीरभूम जिले के बोगटुई में हुए नरसंहार के मामले के मुख्य आरोपित लालन शेख की सीबीआई हिरासत में असामान्य मौत की जांच टीम में दूसरे राज्य के दो आईपीएस अधिकारियों को नियुक्त करना चाहता है। हालांकि कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (सीट) के प्रमुख के पद में कोई बदलाव नहीं होगा। हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त राज्य के आईपीएस अधिकारी प्रणब कुमार इसमें शामिल रहेंगे।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 13 Dec 2023 05:48 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सुप्रीम कोर्ट बीरभूम जिले के बोगटुई में हुए नरसंहार के मामले के मुख्य आरोपित लालन शेख की सीबीआई हिरासत में असामान्य मौत की जांच टीम में दूसरे राज्य के दो आईपीएस अधिकारियों को नियुक्त करना चाहता है। हालांकि, कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (सीट) के प्रमुख के पद में कोई बदलाव नहीं होगा। हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त राज्य के आईपीएस अधिकारी प्रणब कुमार इसमें शामिल रहेंगे। बता दें कि इस घटना में 11 लोगों को जिंदा जलाकर मार दिया गया था।
मंगलवार को सीबीआई की ओर से केंद्र के अतिक्ति सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि बोगटुई मामले की जांच कर रहे दो सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही मवेशी तस्करी मामले की जांच कर रहे तीन सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। सीबीआई के एसपी, डीआईजी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है।राजू ने आरोप लगाया कि इसमें पूरा राज्य प्रशासन शामिल है। मवेशी तस्करी मामले में बड़ी-बड़ी राजनीतिक हस्तियां शामिल हैं। उनकी जांच पर सीबीआई की एक बिल्कुल अलग टीम काम कर रही है। इसके बावजूद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। राजू ने दावा किया कि हिरासत में मौत की जांच पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन किसी अन्य एजेंसी को जांच करने दीजिये। राज्य का कोई अधिकारी वहां हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले में पर्याप्त संतुलन है। जांच टीम में दो और व्यक्तियों की नियुक्ति की जा सकती है। राज्य के वकील आर बसंत ने कहा कि हाई कोर्ट सीट की जांच की निगरानी कर रहा है। अब, अगर सुप्रीम कोर्ट इस सीट में दो लोगों को नियुक्त करना चाहता है, तो उसे राज्य की राय जाननी होगी। हालांकि, सीबीआई से जुड़े किसी अधिकारी की नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए।
राजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के नियुक्त अधिकारियों में से ही किसी को इस पीठ का प्रमुख बनाया जाना चाहिए। जस्टिस खन्ना ने कहा कि उसकी कोई जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा कि अंतिम फैसला गुरुवार को राज्य का बयान सुनने के बाद लिया जाएगा।
बताते चलें कि पिछले साल मार्च में रामपुरहाट के बोगटुई में बदमाशों के हमले में तृणमूल नेता भादू शेख की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद उसके समर्थकों ने कई घरों में आग लगा दी थी। इसमे 11 लोगों की मौत हो गई। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने जांच शुरू की। मुख्य आरोपित लालन शेख का लटका हुआ शव सीबीआई के अस्थायी कैंप से बरामद किया गया। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआई हिरासत में मौत की जांच के लिए राज्य पुलिस अधिकारियों की एक पीठ का गठन किया। सीबीआई ने जांच का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में केस दायर किया।
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