बांग्लादेश सीमा पर फेंसिडिल की तस्करी कर रहे तीन लोगों को बीएसएफ ने किया गिरफ्तार
फेंसिडिल की नवादा सीमा चौकी इलाके से होकर सोमवार को बांग्लादेश में तस्करी की कोशिश की जा रही थी जिसे 24वीं वाहिनी बीएसएफ के जवानों ने नाकाम किया।
By Neel RajputEdited By: Updated: Tue, 11 Aug 2020 05:40 PM (IST)
कोलकाता, जागरण संवाददाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने बंगाल के मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास दो अलग-अलग स्थानों पर तस्करी को नाकाम करते हुए 671 बोतल फेंसिडिल कफ सिरप के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। फेंसिडिल की नवादा सीमा चौकी इलाके से होकर सोमवार को बांग्लादेश में तस्करी की कोशिश की जा रही थी जिसे 24वीं वाहिनी, बीएसएफ के जवानों ने नाकाम किया। अधिकारियों ने बताया कि 10 अगस्त की देर रात करीब 1 बजे और 2:30 बजे नवादा सीमा चौकी इलाके के दो अलग-अलग स्थानों से तस्करों ने लगभग 15 से 20 की संख्या में दो समूह बनाकर फेंसिडिल बोतलें बांग्लादेश की तरफ फेंकने के मनसूबों से वहां आए थे। लेकिन सीमा सुरक्षा बल के जवानों द्वारा दिखाई तत्परता के कारण 3 फेंसिडिल तस्करों को पकड़ने में कामयाबी हासिल हुई। बाकी तस्कर अंधेरे व जूट के फसल का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। तस्करों के पास से 671 बोतल फेंसिडिल बरामद किया गया।
पकड़े गए तस्करों ने पूछताछ में अपना नाम मंगल मण्डल (21), सुभाष मण्डल (23) व खगन मण्डल,(40) है। तीनों तस्कर मालदा के कालियाचक थाना अंतर्गत नवादा गांव का ही रहने वाला है।पूछताछ में तीनों ने इलाके के कई अन्य फेंसिडिल तस्करों के नाम भी उजागर किए है। बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए तीनों तस्करों को जब्त फेंसिडिल के साथ थाने गुलाबगंज थाने को सौंप दिया है। 24वीं वाहिनी, बीएसएफ के कमाण्डेन्ट अनिल होतकर ने बताया की मुस्तैद जवानों द्वारा दिन- रात डयूटी में दिखाई गई तत्परता के कारण तस्कर अपने मनसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहे है। उन्होंने कहा कि दक्षिण बंगाल सीमांत मुख्यालय की तरफ से शून्य तस्करी अभियान दृढ़ संकल्पता के तहत किया जा रहा है।
24वीं वाहिनी के जिम्मेवारी के इलाके से चालू वर्ष के दौरान अब तक 49,500 फेंसिडिल की बोतलें और 29 तस्करों को पकड़ने में कामयाबी हासिल हुई है। दरअसल मालदा का कालियाचक इलाका विभिन्न तरह की तस्करी के लिए कुख्यात है। बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्र में कोरोना महामारी की वजह से कई श्रमिक अपने गांव में वापस लौट चुके है। इन श्रमिकों को बड़े तस्करों द्वारा पैसों का लालच देकर सीमावर्ती इलाके में तस्करी जैसे गैर कानूनी कार्य में शामिल कराया जा रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि आगे भी इस क्षेत्र में तस्करों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
बड़ा सवाल, तस्करों तक कैसे पहुंच रही है इतनी बड़ी संख्या में फेंसिडिलबताते चलें कि बांग्लादेश में फेंसिडिल कफ सिरप का लोग नशे के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। भारत में बिना चिकित्सकों के परामर्श के यह दवा नहीं दी जाती है। लेकिन बड़ा सवाल है कि आखिर तस्करों के पास इतनी बड़ी संख्या में फेंसिडिल कैसे पहुंच रही हैं। बीएसएफ इसको लेकर कई बार संबंधित एजेंसियों व पुलिस प्रशासन को भी आगाह कर चुका है लेकिन बावजूद इसके तस्करों तक धड़ल्ले से फेंसिडिल पहुंच रही हैं। बीएसएफ सूत्रों के अनुसार, इसमें दवा कंपनियों व डिस्ट्रीब्यूटर की भी मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि बिना इनकी मिलीभगत के तस्करों के पास इतनी बड़ी संख्या में फेंसिडिल पहुंचना नामुमकिन है।
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