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International Yoga Day: बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने उत्साह पूर्वक मनाया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, आइजी ने जवानों के साथ किया योग

फ्रंटियर मुख्यालय से लेकर बटालियन मुख्यालयों और सीमा चौकियों में आयोजित हुआ कार्यक्रम। योग दिवस पर जवानों ने सीमाओं से संबंधित चुनौतियों का सामना करते हुए सीमावर्ती लोगों को योग के प्रति जागरूक किया है। योग के माध्यम से जवान शारीरिक स्वच्छता व तनावमुक्त जीवन जीने का संदेश दे रहे।

By Priti JhaEdited By: Updated: Tue, 21 Jun 2022 01:29 PM (IST)
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दक्षिण बंगाल फ्रंटियर मुख्यालय में मंगलवार को आयोजित योग कार्यक्रम में जवानों के साथ योगाभ्यास करते बीएसएफ आइजी। स्त्रोत: बीएसएफ

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने मंगलवार को बड़े उत्साह के साथ आठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया। इस मौके पर कोलकाता के राजारहाट न्यूटाउन स्थित फ्रंटियर मुख्यालय से लेकर इसके अंतर्गत सभी सेक्टर व बटालियन मुख्यालयों और भारत-बांग्लादेश बार्डर पर स्थित सीमा चौकियों में भी योग स्थल बनाकर योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें बीएसएफ जवानों व अधिकारियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और योगाभ्यास किया। बीएसएफ ने इन कार्यक्रमों के जरिए सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को भी योग के लिए प्रेरित किया। इस वर्ष योग दिवस की थीम मानवता के लिए योग है। योग दिवस पर फ्रंटियर मुख्यालय में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक (आइजी) डा अतुल फुलझेले, आइपीएस ने भी शिरकत की और उन्होंने जवानों के साथ योगाभ्यास किया।

इस मौके पर अपने संबोधन में आइजी डा फुलझेले कहा कि स्वस्थ्य रहने का मतलब केवल शारीरिक स्वास्थ्य से नहीं होता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य से भी है। योग शरीर व दिमाग को स्वस्थ और तनाव मुक्त रखने में मदद करता है। इस दौरान उन्होंने बीएसएफ कार्मिकों और उनके स्वजनों के साथ मीडिया कर्मियों को भविष्य में भी योग से नियमित रूप से जुड़े रहने तथा अपने आसपास के लोगों को योग के प्रति जागरूक करने के लिए प्रेरित किया।

सीमा की सुरक्षा के साथ बीएसएफ जवान योग दे रहे तनावमुक्त जीवन जीने का संदेश

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जनसंपर्क अधिकारी व वरिष्ठ डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि योग दिवस पर जवानों ने सीमाओं से संबंधित चुनौतियों का सामना करते हुए सीमावर्ती लोगों को योग के प्रति जागरूक किया है। उन्होंने बताया कि, योग के माध्यम से जवान अपने साथ–साथ दूसरे लोगों को शारीरिक स्वच्छता व तनावमुक्त जीवन जीने का संदेश दे रहे हैं। गुलेरिया ने कहा- कोविड-19 महामारी ने हमारी गतिशीलता को कम करने का प्रयास किया था, परंतु कोई भी आपदा बीएसएफ की भावनाओं और योग के प्रति उत्साह को कम नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि 'व्यायामात लभते स्वास्थ्य, दीर्घआयुषम परमसुखम, आरोग्यं परमम भाग्यम, स्वास्थम सर्वार्ध साधनम' यानी योग व्यायाम से हमें अच्छा स्वास्थ्य मिलता है।

बार्डर पर ड्यूटी देने वाले 5,000 जवान बने योगाचार्य, ड्यूटी के साथ कराते हैं योग

गुलेरिया ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत से ही बीएसएफ ने योग को अपने दैनिक शारीरिक व्यायाम में शामिल किया है। इसी का नतीजा है कि सीमा सुरक्षा बल में योग को एक अभ्यास के रूप में स्वीकृति मिली है। जिसके लिए बीएसएफ ने अपने चार से पांच हजार योगाचार्य प्रशिक्षित किए हैं। योगाचार्य बनने के बाद ये प्रशिक्षक केवल योग ही नहीं सिखाते, बल्कि बार्डर पर ड्यूटी भी देते हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा के लिए तैनात 'सीमा सुरक्षा बल' (बीएसएफ) के सभी अधिकारियों और जवानों का स्वास्थ्य बेहतर बनाने की खातिर उन्हें योग में पारंगत बनाया गया है। योग की मदद से जवानों की मानसिक और शारीरिक फिटनेस को दुरुस्त रखा जा रहा है।

सुरक्षा बलों के तनाव को भी प्रबंधित करता है योग

एक शोध के अनुसार, योग सुरक्षा बल के सदस्यों के बीच नींद में सुधार और पोस्ट– ट्रामेटिक स्ट्रेस डिसआर्डर से जुड़ी भावनाओं को कम करने जैसे कि क्रोध, चिंता, अवसाद, भावात्मक प्रतिक्रिया एवं पुराने दर्द का इलाज करने के लिए दिखाया गया है। योग माइंडफूलनेस आधारित माइंड फिटनेस ट्रेनिंग का एक रूप है जिसमें विश्राम, ध्यान और सांस लेने के पहलू शामिल है, से सुरक्षा बलों के सदस्यों का तनाव प्रबंधित होता है, भावनाओं पर नियंत्रण तथा अराजक क्षणों में केंद्रित होने की क्षमता में सुधार होता है।

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