सुरक्षा बलों द्वारा 'मानवाधिकारों का सरंक्षण राष्ट्रीय सुरक्षा में बाधा नहीं' विषय पर वाद- विवाद प्रतियोगिता
केंद्रीय पुलिस बलों के विभिन्न संगठनों से आए कार्मिकों ने प्रतियोगिता में लिया हिस्सा। इस विषय पर अपने-अपने सकारात्मक और नकारात्मक विचार व्यक्त किए। प्रतियोगिता में हिंदी और अंग्रेजी केवल दो ही भाषाओं में बोलना अनिवार्य था। हर एक प्रतियोगी को विषय पर बोलने को पांच मिनट का समय दिया।
By Edited By: Updated: Mon, 31 Oct 2022 09:21 PM (IST)
जागरण संवाददाता, कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल सीमांत मुख्यालय अंतर्गत जोनल स्तरीय वाद- विवाद प्रतियोगिता का सोमवार को 85वीं बटालियन के मुख्यालय डिग्बेरिया में आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का मुख्य विषय सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकारों का सरंक्षण राष्ट्रीय सुरक्षा में बाधा नहीं है, था। बीएसएफ ने एक बयान में बताया कि केंद्रीय पुलिस बलों के विभिन्न संगठनों से आए कार्मिकों ने इस विषय पर अपने-अपने सकारात्मक और नकारात्मक विचार व्यक्त किए।
बोलने के लिए पांच मिनट का समय दिया गया
इस प्रतियोगिता में केंद्रीय सुरक्षा बलों के विभिन्न संगठनों की पांच टीमों ने भाग लिया, जिनमें मुख्यत: बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआइएसएफ, एसएसबी और आरपीएफ की टीमें शामिल हुई। प्रतियोगिता में हिंदी और अंग्रेजी केवल दो ही भाषाओं में बोलना अनिवार्य था। हर एक प्रतियोगी को अपने विषय पर बोलने के लिए पांच मिनट का समय दिया गया।
इस प्रतियोगिता में केंद्रीय सुरक्षा बलों के विभिन्न संगठनों की पांच टीमों ने भाग लिया, जिनमें मुख्यत: बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआइएसएफ, एसएसबी और आरपीएफ की टीमें शामिल हुई। प्रतियोगिता में हिंदी और अंग्रेजी केवल दो ही भाषाओं में बोलना अनिवार्य था। हर एक प्रतियोगी को अपने विषय पर बोलने के लिए पांच मिनट का समय दिया गया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थेप्रतियोगिता का परिणाम ज्यूरी के तीन सदस्यों ने जारी किया, जिनमें बंगाल पुलिस के वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारी और राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य पूर्व आइपीएस नपराजित मुखर्जी, पूर्व आइपीएस रजत कुमार मजूमदार एवं बीएसएफ के पूर्व डीआइजी समीर कुमार मित्रा थे। तीनों कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे।
आरपीएफ और बीएसएफ के कार्मिकों ने जीता
इस कार्यक्रम में दक्षिण बंगाल सीमात के महानिरीक्षक (आइजी) डा. अतुल फुलझेले, आइपीएस और बल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इस प्रतियोगिता में हिंदी भाषा का प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार क्रमश: एसएसबी, आरपीएफ और बीएसएफ के कार्मिकों ने जीता।पूर्वी जोन वाद- विवाद प्रतियोगिता आयोजित
अंग्रेजी भाषा में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर क्रमश: सीआरपीएफ, एसएसबी और सीआइएसएफ के कार्मिक रहे। अंत में प्रतियोगिता में शामिल विभिन्न बलों के विजेता प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कारों से नवाजा गया और उन्होंने सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की। बता दें कि बीएसएफ को इस बार पूर्वी जोन वाद- विवाद प्रतियोगिता को आयोजित करने की जिम्मेवारी मिली थी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।इस कार्यक्रम में दक्षिण बंगाल सीमात के महानिरीक्षक (आइजी) डा. अतुल फुलझेले, आइपीएस और बल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इस प्रतियोगिता में हिंदी भाषा का प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार क्रमश: एसएसबी, आरपीएफ और बीएसएफ के कार्मिकों ने जीता।पूर्वी जोन वाद- विवाद प्रतियोगिता आयोजित
अंग्रेजी भाषा में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर क्रमश: सीआरपीएफ, एसएसबी और सीआइएसएफ के कार्मिक रहे। अंत में प्रतियोगिता में शामिल विभिन्न बलों के विजेता प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कारों से नवाजा गया और उन्होंने सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की। बता दें कि बीएसएफ को इस बार पूर्वी जोन वाद- विवाद प्रतियोगिता को आयोजित करने की जिम्मेवारी मिली थी।