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लोकसभा चुनाव से पहले लागू हो जाएगा CAA, बंगाल में केंद्रीय मंत्री ने कर दिया एलान

लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) नियमों की अधिसूचना जारी होने की खबरों के बीच केंद्रीय जहाजरानी राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर ने दावा किया है कि चुनाव से पहले सीएए लागू हो जाएगा। इससे पहले पिछले माह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कोलकाता दौरे पर दोहराया था कि सीएए का क्रियान्वयन होकर रहेगा क्योंकि यह देश का कानून है।

By Jagran News Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Fri, 05 Jan 2024 04:58 PM (IST)
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आम चुनाव से पहले सीएए लागू करने की तैयारी। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) नियमों की अधिसूचना जारी होने की खबरों के बीच केंद्रीय जहाजरानी राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर ने दावा किया है कि चुनाव से पहले सीएए लागू हो जाएगा।

कब लागू होगा सीएए?

हावड़ा के बाली इलाके में गुरुवार शाम विकसित भारत संकल्प यात्रा में हिस्सा लेने आए बनगांव से भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर ने पत्रकारों द्वारा सीएए को लेकर पूछे गए सवाल पर स्पष्ट कहा कि इसे लेकर कोई संशय नहीं है। लोकसभा चुनाव के पहले ही पूरे देश में सीएए लागू हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा 400 से ज्यादा सीटें जीतेगी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार केंद्र में सरकार बनेगी।

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टीएमसी नेता का भाजपा पर निशाना

दूसरी तरफ, बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि राज्य में सीएए किसी हाल में लागू नहीं होगा। तृणमूल की वरिष्ठ नेता व राज्य सरकार में मंत्री डा शशि पांजा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि आम चुनाव से पहले लोगों को गुमराह करने के लिए ऐसी खबरें फैलाई जा रही हैं।

बता दें कि केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा था कि सीएए के नियम लोकसभा चुनाव की घोषणा से काफी पहले अधिसूचित किए जाएंगे।

अमित शाह ने दिलाया भरोसा

इससे पहले पिछले माह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कोलकाता दौरे पर दोहराया था कि सीएए का क्रियान्वयन होकर रहेगा, क्योंकि यह देश का कानून है।

क्या है सीएए?

दरअसल, सीएए के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के उन गैर मुसलमान प्रवासियों- हिंदुओं, सिखों, जैनों, बौद्धों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी जो उत्पीड़न के चलते 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आ गए थे। इसमें बंगाल में बड़ी संख्या में रहने वाले मतुआ समुदाय के लोग शामिल हैं, जो कई दशकों से नागरिकता का इंतजार कर रहे हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर भी मतुआ समुदाय से ही हैं और मतुआ महासंघ के अध्यक्ष भी हैं।

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