West Bengal: कलकत्ता HC ने दी TMC नेता अभिषेक बनर्जी को राहत, ED द्वारा जबरदस्ती कार्रवाई के खिलाफ बनाए नियम
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी को राहत दी है। न्यायालय ने ED को निर्देश दिया कि वह पश्चिम बंगाल में स्कूल नौकरियों घोटाले की जांच के सिलसिले में उनके खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाए। हालाँकि अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बनर्जी के खिलाफ दायर FIR के बराबर प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) को रद्द नहीं किया।
By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Fri, 22 Sep 2023 01:37 PM (IST)
कोलकाता (पश्चिम बंगाल), राज्य ब्यूरो। कलकत्ता उच्च न्यायालय में शुक्रवार का दिन तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के लिए बेचैनी और राहत दोनों लेकर आया। न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल भर्ती घोटाले में ईडी द्वारा उनके खिलाफ दायर प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआइआर) को खारिज करने की बनर्जी की याचिका को खारिज कर दिया।
हालांकि, पीठ ने उन्हें ईसीआइआर के आधार पर ईडी की किसी भी दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ अंतरिम सुरक्षा प्रदान की।
न्यायमूर्ति ने कहा कि चूंकि ईसीआइआर में प्रारंभिक निष्कर्ष मामले के एक अन्य आरोपित सुजय कृष्ण भद्र के कुछ बयानों पर आधारित हैं, इसलिए उस ईसीआइआर के आधार पर फिलहाल उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
हालांकि केंद्रीय एजेंसी को इस मामले में उन्हें बुलाने या पूछताछ करने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा, लेकिन वे ईसीआइआर के आधार पर उनकी गिरफ्तारी सहित कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं कर पाएंगे।
ईसीआइआर को खारिज करने की याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति घोष ने कहा कि चूंकि मामले की जांच जारी है, इसलिए खारिज करने की याचिका अभी शुरुआती चरण में है और इसलिए अदालत इस चरण में कोई निर्देश नहीं देगी।
यह आदेश तब आया है जब एक दिन पहले बनर्जी ने नई दिल्ली में पत्रकारों को बताया था कि उन्होंने अपनी संपत्ति और बैंक खाते का विवरण ईडी को 2020 में ही जमा कर दिया था जब वह पहली बार केंद्रीय एजेंसी कार्यालय गए थे। उन्होंने कहा कि मुझे केंद्रीय एजेंसियों ने पांच बार बुलाया था, इनमें से चार बार ईडी ने और एक बार सीबीआई ने बुलाया । मेरी पत्नी को चार बार बुलाया गया है। मैं अब ईडी को सीबीआइ को महत्व नहीं देता।
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