कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली की पीड़िताओं को अपना बयान रखने की दी अनुमति, 80 महिलाएं साझा करना चाहती हैं अपना अनुभव
कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को याचिकाकर्ता को आवेदन अथवा हलफनामा के जरिये संदेशखाली की महिलाओं को अपनी शिकायतें अदालत के संज्ञान में लाने की अनुमति दे दी। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली पीठ ने माना कि सभी 80 महिलाओं को अदालत में लाना मुश्किल होगा।अदालत ने निर्देश दिया कि पीड़िताओं के बयान को उचित तरीके से सत्यापित किया जाना चाहिए और उनकी पहचान भी स्थापित होनी चाहिए।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को याचिकाकर्ता को आवेदन अथवा हलफनामा के जरिये संदेशखाली की महिलाओं को अपनी शिकायतें अदालत के संज्ञान में लाने की अनुमति दे दी।
संदेशखाली में महिलाओं के साथ अत्याचार और जमीन कब्जाने के मामले में स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि इलाके की 80 महिलाएं सुनवाई में शामिल होना चाहती हैं और अपना-अपना अनुभव साझा करना चाहती हैं।
पूरक हलफनामा दायर करने की दी अनुमति
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली पीठ ने माना कि सभी 80 महिलाओं को अदालत में लाना मुश्किल होगा। इसके साथ ही टिबरेवाल को एक आवेदन अथवा पूरक हलफनामा दायर करने की अनुमति दी, जिसके जरिये कथित पीड़िताएं अपनी आपबीती अदालत के रिकार्ड पर ला सकती हैं।
अदालत ने निर्देश दिया कि पीड़िताओं के बयान को उचित तरीके से सत्यापित किया जाना चाहिए और उनकी पहचान भी स्थापित होनी चाहिए। पीठ ने निर्देश दिया कि पीड़िताओं का बयान स्थानीय भाषा में होगा इसलिए याचिकाकर्ता को उसका अनुवादित प्रति अदालत के समक्ष रखना चाहिए।
संदेशखाली जा रही महिला नेताओं को रोका
बंगाल पुलिस ने कुछ इलाकों में धारा 144 लागू होने का हवाला देकर भाजपा की प्रदेश इकाई की महासचिव अग्निमित्रा पाल और लॉकेट चटर्जी के नेतृत्व में गुरुवार दोपहर संदेशखाली जा रहीं पार्टी की महिला नेताओं को कोलकाता के बाहरी इलाके न्यू टाउन में ही रोक लिया। इसके बाद इन्हें हिरासत में ले लिया। बाद में इन्हें रिहा कर दिया गया। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी तीखी नोकझोंक भी हुई और महिला नेताओं ने उसी जगह धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया, जहां उन्हें रोका गया था।
शाहजहां को दिल्ली ले जाकर पूछताछ करना चाहती है सीबीआइ
संदेशखाली के मास्टरमाइंड शाहजहां शेख को सीबीआइ पूछताछ के लिए दिल्ली कार्यालय ले जाना चाहती है। इसके लिए शाहजहां के खिलाफ जो मामले लंबित हैं उसके लिए सीबीआइ को अदालत से अनुमति लेनी होगी। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी इसकी अनुमति के लिए अदालत में यह दलील दे सकती है कि शाहजहां को पूछताछ के लिए राज्य से बाहर ले जाना अपेक्षाकृत सुरक्षित है। सीबीआइ अधिकारियों ने इस दिन कोलकाता में शाहजहां से पूछताछ की।
मालूम हो कि कोर्ट की सख्ती पर बंगाल सीआईडी ने बुधवार को शाहजहां को सीबीआइ के हवाले किया। वहीं दूसरी ओर सीबीआइ ने पांच जनवरी को संदेशखाली में ईडी और सीएपीएफ पर हुए हमले के संबंध में बशीरहाट सब-डिविजनल कोर्ट में शाहजहां के खिलाफ दो एफआईआर की प्रतिलिपि जमा की है। सूत्रों का कहना है कि इसका उद्देश्य सीबीआइ अधिकारी एक भी दिन बर्बाद किए बिना मामले की जांच में तेजी से काम करना चाहते हैं।
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सीबीआइ अधिकारी शाहजहां के घर पर पहुंचे
सीबीआइ के अधिकारी संदेशखाली स्थित शाहजहां शेख के घर गए। उन्होंने आवास के आसपास के इलाके की कुछ तस्वीरें लीं। कुछ देर बाद वह वापस चले गए। स्थानीय पुलिस भी उनके साथ थी। इसके साथ ही ईडी अधिकारियों के वाहनों पर पथराव के मामले सीबीआइ अधिकारी राशन घोटाले में गिरफ्तार टीएमसी नेता शंकर आढ्य के घर पर गए।
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