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Kolkata: ट्रामों का परिचालन बंद करने को पुलिस की जनहित याचिका पर कलकत्ता हाई कोर्ट नाराज

कोलकाता में ट्रामों का परिचालन बंद करने के लिए महानगर की पुलिस की ओर से दायर की गई जनहित याचिका पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने कहा कि ट्राम कोलकाता की विरासत है। इसे बचाया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि कोलकाता पुलिस अकेले इस तरह से याचिका दायर नहीं कर सकती।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 13 Dec 2023 12:11 AM (IST)
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कोलकाता में ट्रामों का परिचालन बंद करने के लिए याचिका पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता में ट्रामों का परिचालन बंद करने के लिए महानगर की पुलिस की ओर से दायर की गई जनहित याचिका पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने कहा कि ट्राम कोलकाता की विरासत है। इसे बचाया जाना चाहिए।

कोलकाता पुलिस ने दायर की है याचिका

उन्होंने आगे कहा कि कोलकाता पुलिस अकेले इस तरह से याचिका दायर नहीं कर सकती। मालूम हो कि पुलिस ने ट्रामों की धीमी गति के कारण कोलकाता में ट्रैफिक जाम का हवाला देते हुए इसका परिचालन बंद करने के लिए याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने ट्रामों को लेकर राज्य सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाया।

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कोर्ट ने याचिका पर उठाया सवाल

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ट्राम प्राधिकरण क्या सिर्फ इसे बेचने के लिए बैठा है? ट्राम कंपनी के कर्मचारियों के लिए वेतन की व्यवस्था व सेवा को बेहतर करने के बारे में सोचा जाना चाहिए। जरुरत पड़ने पर सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) मॉडल पर भी विचार किया जा सकता है।

ट्रामों की सीटों से लेकर समस्त चीजों को अत्याधुनिक करने की जरुरत है, ताकि वरिष्ठ जन व पुराने यात्री ही नहीं, युवक-युवतियां भी इसमें चढ़ने के प्रति आकर्षित हों। हाई कोर्ट ने हाई कोर्ट के शीतकालीन अवकाश के बाद इसे लेकर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।

ज्यादातर दैनिक यात्री ट्राम चलाने के पक्ष में नहीं

बताते चलें कि महानगर के ज्यादातर दैनिक यात्री ट्राम चलाने के पक्ष में नहीं है। उनका कहना है कि इससे ट्राफिक जाम होता है। वहीं बुद्धिजीवियों का कहना है कि ट्राम कोलकाता की विरासत इसे बंद नहीं किया जाना चाहिए। इस वर्ष कोलकाता में ट्राम सेवा के 150 साल पूरे हो गए। कोलकाता में पहली ट्राम फरवरी, 1873 में चली थी। देश में सिर्फ कोलकाता में ही ट्राम चलती है।

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