ED पर हमले की जांच को एसआइटी के गठन पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने लगाई रोक, 6 मार्च को होगी अगली सुनवाई
ईडी पर हमले की जांच को एसआइटी ( SIT ) के गठन पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। बुधवार को खंडपीठ ने कहा कि इस संबंध में अंतिम आदेश ईडी और राज्य सरकार दोनों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद ही पारित किया जाएगा । मामले में अगली सुनवाई छह मार्च को होनी है तब तक एसआइटी की जांच पर रोक लगा दी गई है ।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में ईडी (ED) और केंद्रीय बल के जवानों पर पांच जनवरी को हमले हुए थे। इसकी जांच के लिए सीबीआइ और बंगाल पुलिस के संयुक्त विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया गया। हालांकि, कलकत्ता हाई कोर्ट (Kolkata High court) के एकलपीठ के आदेश पर खंडपीठ ने बुधवार को एसआइटी के गठन पर अंतरिम रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकलपीठ ने 17 जनवरी को एसआइटी गठन का आदेश दिया था। एकलपीठ के आदेश को ईडी ने मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी थी और स्वतंत्र रूप से सीबीआइ से जांच की मांग की।
6 मार्च को होगी अगली सुनवाई
बुधवार को खंडपीठ ने कहा कि इस संबंध में अंतिम आदेश ईडी और राज्य सरकार दोनों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद ही पारित किया जाएगा। मामले में अगली सुनवाई छह मार्च को होनी है, तब तक एसआइटी की जांच पर रोक लगा दी गई है।ईडी के वकील ने बुधवार को अदालत में यह भी तर्क दिया कि राज्य पुलिस द्वारा मामले की जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती, क्योंकि यह हमला करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामलों पर ईडी की जांच के संबंध में हुआ था, जिसमें राज्य कैबिनेट के एक दिग्गज सदस्य पहले से ही सलाखों के पीछे है। राज्य सरकार भी अपनी ओर से इस बात पर जोर दे रही कि जांच का प्रभार पूरी तरह से राज्य पुलिस को दिया जाए।
ED पर हुआ था हमला
बताते चलें कि राशन वितरण घोटाला मामले में पांच जनवरी को ईडी अधिकारियों की एक टीम जब संदेशखाली में तृणमूल नेता शाहजहां शेख के आवास की तलाशी लेने गई थी, उसी दौरान भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था। इसमें एजेंसी के तीन अधिकारी घायल हो गए थे।यह भी पढ़ें: MGNrega Scam: बंगाल में अब मनरेगा में व्यापक फर्जीवाड़ा, 25 लाख फर्जी जॉब कार्ड बनाकर करोड़ों का हेरफेर
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