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ममता बनर्जी के फेसबुक लाइव स्ट्रीम पर शख्स ने की अपमानजनक टिप्पणी, गिरफ्तारी हुई तो कलकत्ता HC ने पुलिस को लगा दी फटकार

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को रिहा करने का आदेश दिया है। दरअसल शख्स ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फेसबुक लाइव स्ट्रीम के दौरान कुछ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कथित रूप से अवांछित और अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पुलिस ने एक नागरिक की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप किया है।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Published: Wed, 03 Jul 2024 11:45 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2024 11:45 PM (IST)
ममता बनर्जी के फेसबुक लाइव स्ट्रीम पर शख्स ने किया अपमानजनक टिप्पणी (Image: ANI)

राज्य ब्यूरो, कोलकाता।  कलकत्ता हाई कोर्ट की न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने बुधवार को हावड़ा के एक युवक को रिहा करने का आदेश दिया है। युवक को सचिवालय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रशासनिक बैठक के लाइव प्रसारण के दौरान फेसबुक कमेंट बाक्स में राज्य के मंत्री के खिलाफ शिकायत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस ने एक नागरिक की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप किया है। मालूम हो कि हावड़ा के रहने वाले इरशाद सुल्तान उर्फ शाहीन नामक युवक ने सचिवालय में मुख्यमंत्री की प्रशासनिक बैठक के लाइव प्रसारण के दौरान फेसबुक कमेंट बाक्स में शिकायत की थी कि स्थानीय विधायक और राज्य के मंत्री अरूप राय और सत्तारूढ़ दल के स्थानीय नेता जलाशयों को भरने में मदद कर रहे हैं।

इस टिप्पणी के बाद हुई थी गिरफ्तारी

इस टिप्पणी के बाद ही हावड़ा के शिबपुर थाने की पुलिस ने इरशाद को गिरफ्तार कर लिया। युवक के स्वजन ने मंगलवार को हाई कोर्ट में गिरफ्तारी के खिलाफ मामला दायर करने की अनुमति मांगी। जस्टिस सिन्हा ने अनुमति दे दी। न्यायाधीश ने कहा कि अगर कोई किसी के खिलाफ शिकायत करता है या गुस्सा जाहिर करता है तो क्या उसे गिरफ्तार किया जाएगा? जिस अरूप राय के खिलाफ शिकायत की गई है, क्या उन्होंने युवक के खिलाफ कोई शिकायत की है।

सीसीटीवी को संरक्षित रखने को कहा

न्यायाधीश ने यह भी जानना चाहा कि इरशाद को पुलिस ने कब और कहां गिरफ्तार किया था। जवाब में सरकारी वकील ने कहा कि इरशाद को 30 जून को उसके घर से गिरफ्तार किया गया था। नोटिस दिया गया था। जब वह उपस्थित नहीं हुआ तो उसे दो दिन बाद उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया।

बयान सुनने के बाद न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि 30 जून को शिबपुर पुलिस स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज संरक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य दावा कर रहा है कि शाहीन को उसके घर से गिरफ्तार किया गया था, जबकि पीडि़त युवक के स्वजन की शिकायत है कि नोटिस मिलने के बाद इरशाद पुलिस स्टेशन गया था, जहां उसे काफी देर तक हिरासत में रखने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

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