कलकत्ता HC ने NIA अधिकारियों के विरुद्ध FIR दर्ज होने पर जताई हैरानी, न्यायाधीश ने बंगाल पुलिस की भूमिका पर उठाए सवाल
कलकत्ता हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों के विरुद्ध छेड़खानी के आरोप में एफआईआर दर्ज होने पर हैरानी जताई है । न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने मामले पर सुनवाई के दौरान पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए सरकारी अधिवक्ता अमितेश बंद्योपाध्याय से पूछताछ की। इस दौरान सरकारी अधिवक्ता न्यायाधीश के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों के विरुद्ध छेड़खानी के आरोप में एफआईआर दर्ज होने पर हैरानी जताई है।
सरकारी अधिवक्ता अमितेश बंद्योपाध्याय से पूछा सवाल
न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने मामले पर सुनवाई के दौरान पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए सरकारी अधिवक्ता अमितेश बंद्योपाध्याय से पूछा कि जिस तृणमूल नेता (मनोब्रत जाना) के खिलाफ निम्न अदालत की ओर से गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था, उसकी पत्नी की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर एनआईए अधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी कैसे दर्ज कर ली गई?
प्राथमिकी दर्ज करने से पहले आरोप की जांच की जरूरत क्यों नहीं समझी गई? सीसीटीवी के वीडियो फुटेज क्यों नहीं देखे गए? धारा 325 कैसे लगा दी गई? यह धारा तो हमला करके गंभीर रूप से जख्मी करने के मामले में लगाई जाती है।
सरकारी अधिवक्ता नहीं दे पाए संतोषजनक जवाब
मनोब्रत जाना के शरीर पर किसी तरह की गंभीर चोट का कोई निशान नहीं है। सरकारी अधिवक्ता न्यायाधीश के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि एनआईए अधिकारियों के विरुद्ध गिरफ्तारी समेत कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा सकेगी। उनसे पूछताछ करने के लिए पुलिस को कम से कम 48 घंटे पहले नोटिस देना होगा और वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पूछताछ की जा सकेगी।
भाजपा विधायक रवींद्रनाथ माइती ने पुलिस पर किया कटाक्ष
दूसरी तरफ एनआईए की टीम पर हमले के आरोपितों के विरुद्ध हल्की धाराएं लगाने का भी पुलिस पर आरोप लग रहा है। इस मामले में पुलिस अभी तक किसी को गिरफ्तार भी नहीं कर पाई है। स्थानीय पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपितों की तलाश जारी है। दूसरी तरफ भाजपा विधायक रवींद्रनाथ माइती ने कहा कि पुलिस तृणमूल के गुंडों को बचाने की कोशिश कर रही है इसलिए हल्की धाराएं लगाई गई हैं।यह भी पढ़ेंः NASA में एक बार फिर बजा भारतीयों का डंका, भारतवंशी वैज्ञानिक ने किया सूर्य ग्रहण में नासा के मिशन का नेतृत्व
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