Kolkata: नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के गर्भपात की व्यवहार्यता पर हाई कोर्ट सख्त, मेडिकल बोर्ड के गठन का निर्देश
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की एकल-न्यायाधीश पीठ ने गुरुवार को दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग की गर्भावस्था को समाप्त करने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए एक मेडिकल बोर्ड के तत्काल गठन का निर्देश दिया है। जस्टिस भट्टाचार्य ने 24 घंटे के अंदर चार विशेषज्ञों का मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया है जो अगले 48 घंटे के अंदर पीड़िता की मेडिकल जांच करेगा।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 17 Aug 2023 06:34 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की एकल-न्यायाधीश पीठ ने गुरुवार को दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग की गर्भावस्था को समाप्त करने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए एक मेडिकल बोर्ड के तत्काल गठन का निर्देश दिया है।
मेडिकल बोर्ड के गठन का निर्देश
जस्टिस भट्टाचार्य ने 24 घंटे के अंदर चार विशेषज्ञों का मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया है, जो अगले 48 घंटे के अंदर पीड़िता की मेडिकल जांच करेगा।
न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने यह भी निर्देश दिया है कि चार सदस्यीय मेडिकल टीम में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ और बाल रोग विशेषज्ञ होना चाहिए। मामले की सुनवाई 21 अगस्त को फिर से होगी और गर्भावस्था को समाप्त करने का निर्णय अदालत द्वारा लिया जाएगा।
क्या कहता है कानूनी मानदंड?
कानूनी मानदंडों के अनुसार यदि गर्भावस्था 20 सप्ताह या उससे कम है तो चिकित्सक गर्भपात का निर्णय ले सकते हैं। इसलिए चूंकि इस मामले में अवधि समाप्त हो चुकी है, इसलिए पीडि़ता के माता-पिता ने गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति मांगने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।