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'मैं RSS में लौटने के लिए तैयार हूं, अगर...' कलकत्ता हाई कोर्ट के जज चित्तरंजन दास हुए रिटायर, अपने विदाई भाषण में क्या बोले?

कलकत्ता हाईकोर्ट (J udge Chittaranjan ) के जज चितरंजन दास सोमवार 20 मई को रिटायर हो गए । दास ने सोमवार को अपने विदाई भाषण में कहा कि उनमें खुद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य के रूप में पहचाने जाने का साहस है । जस्टिस दास ने कहा कि आरएसएस से जुड़े होने के बावजूद उन्होंने पद पर रहते हुए किसी भी तरह का पक्षपातपूर्ण फैसला नहीं किया।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Tue, 21 May 2024 08:53 AM (IST)
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कलकत्ता हाई कोर्ट के जज चित्तरंजन दास हुए रिटायर (Image: ANI)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Kolkata High Court: कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश चितरंजन दास ने सोमवार को अपने विदाई भाषण में कहा कि उनमें खुद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य के रूप में पहचाने जाने का साहस है।

जस्टिस दास ने यह भी स्पष्ट किया कि वह सेवानिवृत्ति के बाद संघ परिवार में लौट आएंगे। जस्टिस दास ने कहा कि आरएसएस से जुड़े होने के बावजूद उन्होंने पद पर रहते हुए किसी भी तरह का पक्षपातपूर्ण फैसला नहीं किया।

न्यायाधीश के आसन पर बैठकर मैंने सभी को समान दृष्टि से देखा। मेरे मन में माकपा, भाजपा, कांग्रेस और तृणमूल के प्रति कोई पूर्वाग्रह नहीं है। समारोह में जस्टिस दास ने कहा कि मुझे अपना सच उजागर करना चाहिए। मैं एक संस्था का बहुत आभारी हूं। मैं बचपन से जवानी तक वहीं रहा। यहां मुझे यह स्वीकार करना होगा कि मैं आरएसएस का सदस्य हूं।

37 साल खुद को RSS से रखा दूर

ओडिशा निवासी निवर्तमान जज ने कहा कि इस काम (जज) के लिए मैंने पिछले 37 वर्षों से खुद को उस संगठन से दूर रखा है। मैंने अपने करियर में कभी भी संघ की सदस्यता का उपयोग किसी लाभ के लिए नहीं किया है। क्योंकि यह उस संस्था की नीति के विरुद्ध है। अगर वे मुझे बुलाते हैं और उन्हें लगता है कि मैं उनके लिए कुछ कर सकता हूं। तो मैं संघ में लौटने के लिए तैयार हूं।

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