बंगाल पुलिस पर हिरासत में महिला की बेरहमी से पिटाई का आरोप, कोर्ट ने CBI जांच पर लगाई रोक; पढ़ें पूरा मामला
West Bengal कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल पुलिस के खिलाफ उस मामले में सीबीआई जांच पर रोक लगा दी है जिसमें महिला ने पुलिस हिरासत में यातना दिए जाने का आरोप लगाया था। महिला का कहना है कि हिरासत में उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। इस पर कोर्ट की एकल पीठ ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था। अब खंडपीठ ने इस फैसले पर रोक लगा दी है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट की खंडपीठ ने सोमवार को पुलिस हिरासत में महिला को यातना दिए जाने के मामले की सीबीआई जांच के एकल पीठ के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ दरिंदगी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की पुत्री को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में महिला को गिरफ्तार किया गया था।
(टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी। File Photo)
हिरासत में पिटाई का आरोप
आरोप है कि आठ से 11 सितंबर के दौरान उसकी हिरासत में बेरहमी से पिटाई की गई। न्यायाधीश तीर्थंकर घोष और उदय कुमार की खंडपीठ ने कहा कि छह नवंबर तक इस घटना में सीबीआई मामला दर्ज नहीं कर सकेगी। इस मामले की अगली सुनवाई चार नवंबर को होगी। खंडपीठ के आदेश के मुताबिक तब तक सीबीआई इस मामले में आरोपित पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच शुरू नहीं कर सकेगी।इससे पहले पिछले हफ्ते मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की जस्टिस राजर्षि भारद्वाज की एकल पीठ ने कहा था कि पुलिस का इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा था कि जिस तरह से हिरासत में पिटाई के आरोप लगाए गए हैं, इससे अब अदालतों को पुलिस पर भरोसा नहीं है। कोर्ट ने आदेश दिया था कि मामले की जांच सीबीआई को दी जानी चाहिए। साथ ही कोर्ट ने 15 नवंबर को सीबीआई को जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया था।
(एकल पीठ ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। File Image)
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