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बंगाल पुलिस पर हिरासत में महिला की बेरहमी से पिटाई का आरोप, कोर्ट ने CBI जांच पर लगाई रोक; पढ़ें पूरा मामला

West Bengal कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल पुलिस के खिलाफ उस मामले में सीबीआई जांच पर रोक लगा दी है जिसमें महिला ने पुलिस हिरासत में यातना दिए जाने का आरोप लगाया था। महिला का कहना है कि हिरासत में उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। इस पर कोर्ट की एकल पीठ ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था। अब खंडपीठ ने इस फैसले पर रोक लगा दी है।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 14 Oct 2024 09:26 PM (IST)
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कलकत्ता हाई कोर्ट की खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी है। (File Image)

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट की खंडपीठ ने सोमवार को पुलिस हिरासत में महिला को यातना दिए जाने के मामले की सीबीआई जांच के एकल पीठ के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ दरिंदगी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की पुत्री को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में महिला को गिरफ्तार किया गया था।

(टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी। File Photo)

हिरासत में पिटाई का आरोप

आरोप है कि आठ से 11 सितंबर के दौरान उसकी हिरासत में बेरहमी से पिटाई की गई। न्यायाधीश तीर्थंकर घोष और उदय कुमार की खंडपीठ ने कहा कि छह नवंबर तक इस घटना में सीबीआई मामला दर्ज नहीं कर सकेगी। इस मामले की अगली सुनवाई चार नवंबर को होगी। खंडपीठ के आदेश के मुताबिक तब तक सीबीआई इस मामले में आरोपित पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच शुरू नहीं कर सकेगी।

इससे पहले पिछले हफ्ते मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की जस्टिस राजर्षि भारद्वाज की एकल पीठ ने कहा था कि पुलिस का इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा था कि जिस तरह से हिरासत में पिटाई के आरोप लगाए गए हैं, इससे अब अदालतों को पुलिस पर भरोसा नहीं है। कोर्ट ने आदेश दिया था कि मामले की जांच सीबीआई को दी जानी चाहिए। साथ ही कोर्ट ने 15 नवंबर को सीबीआई को जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया था।

(एकल पीठ ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। File Image)

क्या है मामला?

बता दें कि आरजी कर की घटना के विरोध में आयोजित रैली में अभिषेक बनर्जी की नाबालिग बेटी के बारे में अश्लील टिप्पणियां की गईं थीं। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गया था। हालांकि जागरण वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है। इस मामले में एक महिला ने दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर पुलिस स्टेशन में दो महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इसके बाद सात सितंबर को जिले के निमता से दोनों महिलाओं को गिरफ्तार किया गया था।

इससे पहले इसी तरह के एक अन्य मामले में रैली में एक शख्स ने कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की नौ साल की बेटी से दुष्कर्म की धमकी देने का मामला सामने आया था। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी प्रसारित हुआ था, जिसमें शख्स ने कहा था कि ऐसा करने वाले को 10 करोड़ रुपये का इनाम दिया जाएगा। मामले का बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया था और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

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