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Cattel Smuggling Case: CBI की विशेष अदालत ने खारिज की अनुब्रत मंडल की जमानत अर्जी, 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे गए

Cattel Smuggling Case- सीबीआइ व अनुब्रत के वकीलों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने एक बार फिर खारिज कर दी जमानत अर्जी सीबीआइ पर अनुब्रत के वकील ने कहा कि उन्हें नाहक परेशान किया जा रहा जांच के नाम पर जेल में रखा जा रहा।

By Jagran NewsEdited By: Vinay Kumar TiwariUpdated: Sat, 29 Oct 2022 03:22 PM (IST)
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Cattel Smuggling Case- 37 दिन बाद छठी बार कोर्ट में पेश किए गए अनुब्रत मंडल, फिर जेल भेजे गए।
आसनसोल, जागरण संवाददाता Cattel Smuggling Case : मवेशी तस्करी मामले में अनुब्रत मंडल को इस बार भी निराशा ही हाथ लगी। सीबीआइ की विशेष अदालत ने शनिवार को एक बार फिर जमानत अर्जी खारिज कर दी और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। पहले दुर्गापूजा, कालीपूजा, भाई फोटा अब छठ पर्व भी अनुब्रत मंडल का जेल में ही बीतेगा। शनिवार की सुनवाई अनुब्रत मंडल के लिए काफी महत्वपूर्ण था।

कोलकाता से आधे दर्जन से ज्यादा वकील अनुब्रत मंडल की ओर से सुनवाई के लिए पहुंचे थे। लेकिन सीबीआइ के वकील की दलील को सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत नहीं देने का फैसला लिया। करीब डेढ़ घंटे की इस सुनवाई में अनुब्रत मंडल की ओर से अधिवक्ता संजय कुमार दास लीड कर रहे थे उनके साथ अनिर्बान गुहाठाकुर का भी थे। इन्होंने कोर्ट से कहा कि माना कि सीबीआइ ने चार्जशीट में आरोपी बनाया है लेकिन आरोप क्या है वो तो बताए।

सहगल हुसैन को मोहरा बना कर सीबीआइ अनुब्रत मंडल के खिलाफ जांच कर रही है जो उचित नहीं है। लेकिन सीबीआइ के वकील ने कहा कि चार्जशीट कोर्ट के अवकाश सत्र में जमा किया गया है। चार्जशीट में काफी आरोप अनुब्रत मंडल के ऊपर दर्ज किए गए हैं। पहले भी अनुब्रत मंडल जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे आज भी नहीं कर रहे।

फिर सीबीआइ ने अलापा पुराना राग

कोर्ट में सीबीआइ ने एक बार फिर से कहा कि अनुब्रत मंडल काफी प्रभावशाली नेता हैं। बीरभूम सहित बंगाल में इनकी तूती बोलती है। मवेशी तस्करी में करोड़ों का लेनदेन हुआ है जिसमें अनुब्रत मंडल की मुख्य भूमिका रही है। इनके सहयोगी व रिश्तेदारों के पास अगाध संपत्ति इसी मवेशी तस्करी के जरिए जमा हुई है। जिसकी जांच चल रही है। अगर अनुब्रत मंडल को जमानत दी जाती है तो जांच में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं, साक्ष्यों को मिटाया जा सकता है।

इसलिए इन्हें जमानत न दी जाए। कोर्ट ने सीबीआइ व अनुब्रत के वकीलों की दलील सुनने के बाद निष्कर्ष दिया कि उनकी जमानत 11 नवंबर तक खारिज की जाती है। 11 नवंबर को पेशी के बाद इसपर विचार किया जाएगा। अंततोगत्वा अनु्ब्रत मंडल को इस बार भी निराशा हाथ लगी।

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अनुब्रत के वकील ने कोर्ट में सीबीआइ को घेरा

शनिवार की पेशी में अनुब्रत मंडल के वकील पूरी तैयारी के साथ आए थे। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता संजय कुमार दास ने कोर्ट से कहा कि मवेशी तस्करी मामले में 35 एनेक्शर वाला चार्जशीट जो सीबीआइ ने जमा किया है उसमें कई त्रुटियां हैं। इस चार्जशीट में 84 नंबर वाले अभियुक्त माधव कईवर्तो को बताया गया है।

जबकि वर्षों पहले माधव कईवर्तो का निधन हो चुका है। एक मरे हुए व्यक्ति को कैसे अभियुक्त बनाया जा सकता है। अधिवक्ता संजय कुमार दास ने कहा कि इस सवाल पर सीबीआइ ने चुप्पी साध ली। हालांकि इस बात पर कोर्ट ने अपनी ओर से कोई टिप्पणी नहीं दी।

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