West Bengal: CBI ने दो निकायों के शीर्ष अधिकारियों को किया तलब, नगर पालिका भर्ती घोटाले से जुड़ा है मामला
बंगाल के दो जिलों की दो नगर पालिकाओं के शीर्ष अधिकारियों को CBI ने पूछताछ के लिए तलब किया है। सीबीआइ राज्य में नगर पालिकाओं में करोड़ों रुपये की नौकरी के लिए नकद भुगतान मामले की जांच कर रही है। वहीं सूत्रों ने बताया कि सीबीआइ अधिकारियों को इन दोनों नगर पालिकाओं में भारी नकद भुगतान के बदले की गई कई अनियमित भर्तियों के बारे में विशेष सबूत मिले हैं।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। सीबीआइ ने सोमवार को बंगाल के दो जिलों की दो नगर पालिकाओं के शीर्ष अधिकारियों को पूछताछ के लिए तलब किया है।मिली जानकारी के अनुसार, सीबीआइ राज्य में नगर पालिकाओं में करोड़ों रुपये की नौकरी के लिए नकद भुगतान मामले की जांच कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि उत्तर 24 परगना जिले में हालिशहर नगर पालिका और नदिया जिले के राणाघाट नगर पालिका के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को सोमवार को सीबीआइ ने नोटिस जारी किया और दोनों को इस सप्ताह के मध्य तक कोलकाता में केंद्रीय एजेंसी के निजाम पैलेस कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआइ अधिकारियों को इन दोनों नगर पालिकाओं में भारी नकद भुगतान के बदले की गई कई अनियमित भर्तियों के बारे में विशेष सबूत मिले हैं।
ये अवैध भर्तियां मुख्य रूप से ड्राइवर, हेल्पर, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और सफाई सहायक के पद के लिए की गई थीं। हालिशहर और राणाघाट के अलावा, अन्य नगर पालिकाएं जो सीबीआइ अधिकारियों की जांच के दायरे में हैं, उनमें उत्तर 24 परगना जिले में पानीहाटी, दक्षिण दमदम और उत्तर दमदम और दक्षिण 24 परगना जिले में डायमंड हार्बर शामिल हैं।
भर्ती घोटाले की जांच में सामने आया था मामला
सूत्रों ने कहा कि मामले में एक आरोपित और निजी प्रमोटर अयन शील से पूछताछ के दौरान दोनों अधिकारियों के नाम सामने आए, जो बंगाल में कैश-फार-स्कूल नौकरी मामले में भी आरोपित हैं। दरअसल, ईडी अधिकारी, जो स्कूल और नगर पालिकाओं के नौकरी घोटाले की समानांतर जांच कर रहे हैं, को मार्च 2023 में शील के आवास पर छापेमारी और तलाशी अभियान चलाते समय विभिन्न शहरी नगर निकायों में भर्ती अनियमितताओं के तथ्य हाथ लगे थे।
हाल ही में, सीबीआइ ने शील के साथ-साथ बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी को स्कूल नौकरी मामले में गिरफ्तार दिखाया था। ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही दोनों न्यायिक हिरासत में थे, सबसे पहले जुलाई 2022 में चटर्जी और फिर मार्च 2023 में सिल को गिरफ्तार किया गया।
केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी यह स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं कि शील ने नगर पालिकाओं और स्कूल की नौकरी के मामलों में भ्रष्टाचार के चक्र में आम मध्यस्थ के रूप में कैसे काम किया, जिसमें नौकरियों के लिए पैसे देने वाले, एजेंट नेटवर्क जैसे बिचौलिए और अंत में नौकरशाही और राजनीतिक हलकों में प्रभावशाली वर्ग शामिल थे।
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