Move to Jagran APP

पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन ने कहा- GST के कारण सरकार को राजस्व का हो रहा नुकसान

देबराय ने कहा कि आदर्श जीएसटी वह है जिसमें एक ही दर हो और इसका उद्देश्य राजस्व तटस्थ होना था। वित्त मंत्रालय की गणना के अनुसार जब जीएसटी पहली बार लागू किया गया था तो औसत दर कम से कम 17 प्रतिशत होनी चाहिए थी। लेकिन मौजूदा दर 11.4 प्रतिशत है। जीएसटी की वजह से सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Tue, 22 Aug 2023 07:49 PM (IST)
Hero Image
पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन ने कहा-इसे एकल दर के साथ ‘राजस्व तटस्थ’ होना चाहिए
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन विवेक देबराय ने मंगलवार को कहा कि सरकार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण राजस्व का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसे एकल दर के साथ ‘राजस्व तटस्थ’ होना चाहिए। उद्योग मंडल कलकत्ता चैंबर आफ कामर्स के कार्यक्रम में हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी से चीजें काफी सुगम हुई हैं।

क्या कहा देबराय ने?

देबराय ने कहा कि आदर्श जीएसटी वह है जिसमें एक ही दर हो और इसका उद्देश्य राजस्व तटस्थ होना था। वित्त मंत्रालय की गणना के अनुसार, जब जीएसटी पहली बार लागू किया गया था, तो औसत दर कम से कम 17 प्रतिशत होनी चाहिए थी। लेकिन मौजूदा दर 11.4 प्रतिशत है। जीएसटी की वजह से सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है।

हमारे पास कभी भी सरलीकृत जीएसटी नहीं होगा: देबराय

देबराय ने कहा कि जनता के साथ-साथ जीएसटी परिषद के सदस्य भी चाहते हैं कि 28 प्रतिशत कर की दर कम हो। लेकिन कोई भी नहीं चाहता कि शून्य और तीन प्रतिशत कर की दरें बढ़ें। उन्होंने ‘मजबूत और आत्मनिर्भर भारत पर विशेष सत्र’ में कहा कि इस तरह, हमारे पास कभी भी सरलीकृत जीएसटी नहीं होगा। जीएसटी प्रावधानों का ‘बहुत दुरुपयोग’ हो रहा है। हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।