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Chandrayaan-3: चांद की कक्षा में पहुंचा चंद्रयान-3, मिशन से अंतरिक्ष खोज में नया आयाम स्थापित करेगा भारत

भारत का मिशन चंद्रयान-3 नया आयाम रचने जा रहा है। चंद्रयान-3 शनिवार को सफलतापूर्वक चांद की कक्षा में प्रवेश किया। चंद्रयान-3 अब तक करीब दो तिहाई दूरी तय कर चुका है। इसपर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक तपन मिश्रा ने कहा कि मिशन चंद्रयान अंतरिक्ष खोज में नए आयाम स्थापित करने का उदाहरण है। चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sun, 06 Aug 2023 07:56 AM (IST)
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चंद्रयान-3 ने चांद की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया। (फोटो- जागरण)

कोलकाता, एएनआई। भारत का मिशन चंद्रयान-3 नया आयाम रचने जा रहा है। चंद्रयान-3 शनिवार को सफलतापूर्वक चांद की कक्षा में प्रवेश किया। चंद्रयान-3 अब तक करीब दो तिहाई दूरी तय कर चुका है। इसपर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक तपन मिश्रा ने कहा कि मिशन चंद्रयान अंतरिक्ष खोज में नए आयाम स्थापित करने का उदाहरण है।

किस तकनीक का किया गया उपयोग?

पूर्व वैज्ञानिक तपन मिश्रा ने कहा कि हमारे रॉकेट (प्रक्षेपण वाहन) अधिक शक्तिशाली नहीं हैं। एक बार जब रॉकेट पृथ्वी से निकल जाते हैं, तो उन्हें आगे बढ़ने के लिए 11.2 किमी/सेकंड के वेग की आवश्यकता होती है। हमारे रॉकेट इस वेग से संचालित नहीं होते, इसलिए हमने स्लिंग-स्लॉट तंत्र का सहारा लिया।

चांद की कक्षा में पहुंचा चंद्रयान-3

इससे पहले, शनिवार को इसरो ने कहा गया था कि चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है। इसरो ने ट्वीट कर बताया, मुझे चांद की ग्रैविटी महसूस हो रही है।

कब लॉन्च हुआ था चंद्रयान-3?

बता दें कि मिशन चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। इसमें जीएसएलवी मार्क 3 (एलवीएम 3) हेवी-लिफ्ट लॉन्च रॉकेट का सहारा लिया गया है। अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा।

चंद्रयान-3 अब अगले कुछ दिनों तक चांद की कक्षा में परिक्रमा करेगा और स्थिति को बदलते हुए यान चांद की निकटतम कक्षा में पहुंचेगा। 23 अगस्त को यान के लैंडर-रोवर को चंद्रमा की सतह पर उतारा जाएगा।

2019 में लॉन्च हुआ था चंद्रयान-2

बता दें कि भारत ने 2019 में चंद्रयान-2 मिशन के तहत लैंडर को उतारने का प्रयास किया था, लेकिन आखिरी समय पर लैंडर से संपर्क टूट गया था और उसकी क्रैश लैंडिंग हो गई थी। इस बार लैंडिंग सफल रहने के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

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