कोलकाता- हावड़ा के गंगा घाटों पर मिनी बिहार जैसा नजारा, हजारों छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को दिया पहला अर्घ्य
Chhath Puja 2022कोलकाता व हावड़ा में हुगली नदी के किनारे विभिन्न घाटों पर हर साल छठ की छटा देखते ही बनती है जब आस्था का सैलाब उमड़ पड़ता है। छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। उमड़ी हजारों की भीड़ से मिनी बिहार जैसा नजारा लग रहा था।
By Jagran NewsEdited By: PRITI JHAUpdated: Sun, 30 Oct 2022 05:38 PM (IST)
कोलकाता, राजीव कुमार झा। Chhath Puja 2022: राजीव कुमार झा, कोलकाता : सूर्य उपासना के चार दिवसीय महापर्व छठ के तीसरे दिन रविवार शाम में बड़ी संख्या में छठव्रतियों ने यहां अस्ताचलगामी यानी डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित किया। भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के लिए राजधानी कोलकाता, हावड़ा, हुगली, उत्तर 24 परगना, आसनसोल समेत बंगाल के विभिन्न हिस्सों में नदियों एवं तालाबों के किनारे छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
इस दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से विभिन्न घाटों पर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे ताकि लोग सही तरीके से पूजा कर सकें। कोरोना के चलते पिछले दो साल से विभिन्न प्रतिबंधों के चलते छठ पर भी इसका असर देखा जा रहा था, लेकिन इस बार हालात सामान्य होने के चलते घाटों पर भारी भीड़ उमड़ी और लोगों में छठ को लेकर गजब का उत्साह दिखा।
कल उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे छठव्रती
विभिन्न तरह के फलों, ठेकुआ व अन्य पकवान एवं जलते दीपक से भरे सूप लिए नदी/तालाब के पानी में खड़ा होकर छठव्रतियों ने भक्ति एवं श्रद्धा के साथ सूर्यदेव का पूजन किया। सोमवार सुबह छठव्रती उदीयमान यानी उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। इसके साथ चार दिवसीय आस्था के इस महापर्व का समापन हो जाएगा। इसके बाद छठव्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास तोड़ प्रसाद ग्रहण करेंगे।
बंगाल में बड़े धूमधाम से बिहार- यूपी के लोग मनाते हैं छठ
गौरतलब है कि कोलकाता, हावड़ा समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में बिहार- यूपी के लोग रहते हैं, जो हर साल बड़े धूमधाम के साथ छठ मनाते हैं। छठपूजा को लेकर कोलकाता एवं उपनगरों में भारी उत्साह दिखा। सुबह में विभिन्न बाजारों में पूजन सामग्री/फल वरैरह खरीदने में लोग व्यस्त दिखे, जिसके चलते हर तरफ छठ की रौनक दिखी। वहीं स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्य गंगा घाटों व तालाबों एवं वहां तक जाने वाले रास्तों की साफ-सफाई करने में सक्रिय दिखे।छठ गीतों से माहौल हुआ भक्तिमय
बंगाल के खासकर हिंदी बहुल इलाकों में जगह-जगह गली- मुहल्लों में छठ पूजा के गीत भी पिछले दो दिनों से बज रहे हैं, जिससे छठ की छटा यहां देखते ही बन रही है।कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए..., बन ना बलमजी कहरियां, दौरा घाटे पहुंचाई..., पटना से केरवा मंगइनी, बलका दिहलें जुठियाए...., ... ऊग ये सूरज देव, भईल अरग के बेर’ जैसे छठ पूजा के परंपरागत गीत ने यहां पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिए हैं।
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