Kolkata: 'ममता बनर्जी की दीदीगिरी नहीं करूंगा बर्दाश्त', राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लेकर ऐसा क्यों कहा?
राज्यपाल डा सीवी आनंद बोस ने राजभवन की एक अस्थायी महिला कर्मचारी द्वारा उन पर लगाए गए छेड़खानी के आरोप पर सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उन्हें लेकर ओछी राजनीति कर रही हैं। वे उनकी दीदीगिरी बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल राजनीति से ऊपर होते हैं। चुनाव के समय मुख्यमंत्री राज्यपाल को भी राजनीति के गलियारे में ले आई हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। राज्यपाल डा सीवी आनंद बोस ने राजभवन की एक अस्थायी महिला कर्मचारी द्वारा उन पर लगाए गए छेड़खानी के आरोप पर सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उन्हें लेकर ओछी राजनीति कर रही हैं। वे उनकी 'दीदीगिरी' बर्दाश्त नहीं करेंगे।
राजनीति से ऊपर होते हैं राज्यपाल
चेन्नई से लौटे राज्यपाल ने कोलकाता एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में आगे कहा कि राज्यपाल राजनीति से ऊपर होते हैं। चुनाव के समय मुख्यमंत्री राज्यपाल को भी राजनीति के गलियारे में ले आई हैं। मालूम हो कि ममता ने इस प्रकरण पर पिछले दिनों एक चुनावी रैली में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संदेशखाली पर संदेश देते फिर रहे हैं। उन्हें पहले इस बात का जवाब देना चाहिए कि राज्यपाल ने अपनी कर्मचारी के साथ छेड़खानी क्यों की?
चंद्रिमा भट्टाचार्य ने राज्यपाल के बयान पर किया पलटवार
राज्यपाल के बयान पर पलट जवाब देते हुए बंगाल की वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि राज्यपाल ने कोलकाता लौटते ही मुख्यमंत्री के विरुद्ध असम्मानजनक बातें करनी शुरू कर दी हैं। इसी से पता चलता है कि महिलाओं के बारे में उनकी क्या सोच है। वे कह रहे हैं कि ममता की दीदीगिरी नहीं मानेंगे। तो क्या वे दादागिरी करते रहेंगे?बंगाल के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। धीरे-धीरे यह प्रमाणित होता जा रहा है कि उन्होंने अन्याय किया है। वहीं वरिष्ठ तृणमूल नेता डा शांतनु सेन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से राज्यपाल पर आरोप लगाने वाली महिला की मदद करने की अपील की है।उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और राज्यपाल के कुछ संवैधानिक अधिकार हैं, लेकिन वे पद के लिए हैं, न कि व्यक्ति के लिए। एक महिला होने के नाते राष्ट्रपति को दूसरी महिला को न्याय दिलाने में मदद करनी चाहिए।
राजभवन के कर्मचारियों को पुलिस से बात नहीं करने की हिदायत
इस बीच राज्यपाल ने राजभवन के समस्त कर्मचारियों को पुलिस से बात नहीं करने की कड़ी हिदायत दी है। पुलिस के राजभवन में प्रवेश करने पर पहले ही रोक लगाई जा चुकी है। राजभवन की ओर से अधिसूचना जारी करके कहा गया है कि इस मामले की जांच को लेकर किसी भी पुलिसकर्मी से बात न की जाए। मालूम हो कि कोलकाता पुलिस की ओर से विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, जिसने गवाहों से पूछताछ करने की बात कही है।
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