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Kolkata: समुद्री मोर्चे पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तटरक्षक बल हमेशा तैयार : कमांडर इकबाल सिंह चौहान

दुनिया के चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल के रूप में आइसीजी ने देश के समुद्री क्षेत्रों में भारत के राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। समुद्र में 24 घंटे निगरानी की वजह से तस्करों का प्रवेश करना लगभग असंभव बना दिया गया- आईजी कोस्ट गार्ड (Photo-ANI)

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Tue, 31 Jan 2023 09:48 PM (IST)
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तत्परता के चलते दो सालों में भारतीय समुद्री सीमा में नहीं हुई कोई जन हानि- कमांडर आइजी इकबाल सिंह (Photo-ANI)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भारतीय तटरक्षक बल (कोस्ट गार्ड) के उत्तर-पूर्व क्षेत्र के कमांडर आइजी इकबाल सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि तटरक्षक देश के समुद्री हितों व लंबी तटरेखा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि समुद्र के रास्ते चाहे वह देश में आतंकवादियों के घुसने का प्रयास हो या प्रतिबंधित सामान या नशीले पदार्थों की तस्करी का, समुद्री मोर्चे पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तटरक्षक बल हमेशा तैयार है।

कोस्ट गार्ड के 47वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर यहां श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह के खिदिरपुर डाक पर आइसीजी जहाज विजया पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौहान ने पिछली उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया के चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल के रूप में आइसीजी ने देश के समुद्री क्षेत्रों में भारत के राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि समुद्र में 24 घंटे निगरानी की वजह से तस्करों का प्रवेश करना लगभग असंभव बना दिया गया है और पिछले साल मादक पदार्थों की तस्करी की कई बड़ी घटनाओं को विफल किया गया।

बीते दो सालों में कोई भी जनहानि नहीं हुई

उन्होंने यह भी दावा किया कि कोस्ट गार्ड की तत्परता के चलते बीते दो सालों में भारतीय समुद्री सीमा में किसी आपदा या संकट के बावजूद कोई भी जनहानि नहीं हुई। उन्होंने कहा कि तटरक्षक बल जो चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय में खोज और बचाव अभियान भी चलाता है, ने पिछले एक साल में पूर्वोत्तर क्षेत्र में 596 लोगों की जान बचाई है। उन्होंने आगे कहा कि समुद्री बल के बांग्लादेश के साथ भी बहुत अच्छे संबंध हैं और भारत-बांग्लादेश समुद्री सीमा क्षेत्रों में निरंतर गश्त और निगरानी की जाती है। उन्होंने कहा- खतरे हमेशा रहेंगे, लेकिन हम इससे निपटने के लिए हैं।

मछुआरा समुदाय के साथ बेहतर तालमेल किया स्थापित

उन्होंने कहा कि समुद्री सुरक्षा में मछुआरा समुदाय हमारी आंख और कान के रूप में काम करते हैं और हमने इस उद्देश्य के लिए उनके और तटरक्षक बल के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित किया है।

यह पूछे जाने पर कि क्या पूर्वोत्तर क्षेत्र में समुद्री मार्गों से रोहिंग्या शरणार्थियों की किसी भी आवाजाही का पता चला है। चौहान ने कहा कि बोर्डिंग आपरेशन से नावों में उनकी मौजूदगी का पता नहीं चला है।

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