Bengal News: अवैध वसूली के हिस्से को लेकर संघर्ष ही है बोगटूई में हिंसा की वजह
स्थानीय लोगों के अनुसार वाममोर्चा के शासनकाल के अंत तथा तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के दौरान राजनीतिक दल के नेताओं ने रामपुरहाट शहर और रामपुरहाट थाना क्षेत्र में कालेज स्कूल प्रबंधन समिति या सहकारी समिति छात्र संघ के चुनाव में प्रभाव डालने के लिए बाहुबलियों का इस्तेमाल किया।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Sun, 18 Dec 2022 11:23 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। इस वर्ष मार्च में 10 लोगों को जिंदा जलाकर मार डालने की वारदात के बाद सुर्खियों में आए बीरभूम जिले के बोगटूई गांव में अवैध वसूली के हिस्से को लेकर संघर्ष ही आए दिन हो रही हिंसा की मुख्य वजह है। इससे पहले भी बोगटूई में बम बनाते वक्त हुए विस्फोट में सात लोगों की मौत हो गई थी। आए दिन बमबाजी, हत्या यहां के लिए आम बात हो गई है। इस गांव में पत्थर या कोयले की कोई खदान नहीं है। और न ही रेत की तस्करी होती है। दरअसल, बोगटूई राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-14 के ठीक बगल में है। ऐसे में पत्थर, कोयला, रेत लेकर गुजरने वाले ट्रकों से रंगदारी वसूली जाती है। इस अवैध वसूली को लेकर ही गांव में भादू शेख या लालन शेख जैसे बाहुबलियों का उदय हुआ था।
बोगटूई के बाहुबलियों का किया इस्तेमाल
स्थानीय लोगों के एक वर्ग के अनुसार वाममोर्चा के शासनकाल के अंत तथा तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के दौरान राजनीतिक दल के नेताओं ने रामपुरहाट शहर और रामपुरहाट थाना क्षेत्र में कालेज, स्कूल प्रबंधन समिति या सहकारी समिति, छात्र संघ के चुनाव में प्रभाव डालने के लिए बोगटूई के बाहुबलियों का इस्तेमाल किया था।बता दें कि इसी वर्ष 21 मार्च को रामपुरहाट थाना अंतर्गत बड़शाल ग्राम पंचायत के बोगटूई ग्राम में तृणमूल नेता तथा उप प्रधान भादू शेख की बम मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद भादू शेख के समर्थकों ने गांव के कई घरों में आग लगाकर 10 लोगों को जिंदा जला कर मार दिया था। बताया गया था कि लालन शेख के नेतृत्व में ही बोगटूई में घरों में आग लगाई गई थी। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक अवैध वसूली का ज्यादातर हिस्सा भादू शेख के पास चला जाता था। विरोधी गुट ने सदस्यों ने इसी रंजिश में भादू की हत्या कर दी। दूसरी ओर, सीबीआइ हिरासत में संदिग्ध परिस्थिति में लालन शेख की मौत हो चुकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक अवैध वसूली पर रोक नहीं लगेगी तब तक बोगटूई गांव में बाहुबलियों की लड़ाई को रोका नहीं जा सकता।
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