मुर्शिदाबाद में जाली नोटों के साथ कांग्रेस नेता गिरफ्तार, 500 रुपये के 40 जाली नोट बरामद
मुर्शिदाबाद पुलिस ने कांग्रेस के एक नेता को जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया है। यह नेता पहले से टीएमसी के एक नेता की हत्या में आरोपी है और फरार चल रहा था। कांग्रेस का दावा है कि उसने पहले ही नेता को मंडल अध्यक्ष पद से हटा दिया था। वहीं टीएमसी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है कि वह अपराधियों की पार्टी हो गई है। जानें पूरा मामला।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बांग्लादेश की सीमा से सटे मुर्शिदाबाद जिले के हरिहरपड़ा इलाके में कांग्रेस के मंडल अध्यक्ष को जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार कांग्रेस नेता का नाम जुल्फिकार अली है। इससे पहले तृणमूल के एक नेता की हत्या में वह आरोपी है। तृणमूल कांग्रेस ने इस गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस पर निशाना साधा है कि अपराधियों की पार्टी हो गई है। वहीं कांग्रेस का दावा है कि जुल्फिकार को पहले ही अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।
सूत्रों के मुताबिक गुरुवार दोपहर पुलिस की टीम ने काशिमनगर इलाके में छापेमारी की थी। वहां से जुल्फिकार को 500-500 रुपये के 40 जाली भारतीय नोट के साथ गिरफ्तार किया गया। आरोपी हरिहरपाड़ा ब्लाक के चोआ मंडल का अध्यक्ष था। पुलिस सूत्रों के अनुसार जुल्फिकार हरिहरपाड़ा थाना क्षेत्र में तृणमूल नेता सनातन घोष की हत्या के मामले के आरोपियों में से भी एक है, लेकिन हत्या के मामले में नाम आने के बाद वह भूमिगत हो गया था।
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जाली नोटों का चलाता है कारोबार
पुलिस को पता चला कि कांग्रेस नेता काफी समय से जाली नोटों के कारोबार में संलिप्त है। शुक्रवार को आरोपित को बहरमपुर कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस के मुताबिक आरोपी जाली नोट का कारोबार कैसे करता था और इस गिरोह में कौन-कौन लोग शामिल है, यह जानने के लिए उससे पूछताछ की जरूरत है। इसी कारण से उन्होंने उसकी 10 दिनों की रिमांड मांगी है।
ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष जहांगीर शाह ने कहा कि अगर कोई असामाजिक गतिविधियों में शामिल होगा तो हम उसे पार्टी में स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं, कांग्रेस ने उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया है। हरिहरपाड़ा के तृणमूल कांग्रेस विधायक नियामत शेख ने चुटकी लेते हुए कहा कि मुर्शिदाबाद में कांग्रेस अपराधियों को पनाह देने वाली पार्टी बन गई है। कानून अपना काम करेगा।
उत्तराखंड में पकड़ाई बंगाल से लाई गई जाली नोट
इससे पहले इसी तरह के एक अन्य मामले में भी बंगाल से तीन लाख से भी अधिक की नकली नोट लाई गई थी, जिसे एक गिरोह खर्च करने की योजना बनाकर आया था। उत्तराखंड की नैनीताल पुलिस ने इस गिरोह का भंडाफोड़ किया था। मामला तीन दिन पहले का है, जब नैनीताल पुलिस ने नकली नोट खपाने वाले गिरोह को पकड़ा था।
गिरोह बंगाल से एक लाख रुपये के असली नोट देकर 3.50 लाख के नकली नोट खरीदकर लाया था। बड़ी मात्रा में इसे बाजार में खपाने से पहले ही पुलिस ने पकड़ लिया था। हालांकि, गिरोह के सदस्य पकड़े जाने तक तकरीबन 30 हजार रुपये के नकली नोट पहले ही खपा चुके थे। लगातार सामने आते मामले बताते हैं कि बंगाल में नकली नोट का गोरखधंधा तेजी से बढ़ता जा रहा है।