'तृणमूल से समझौते का सवाल ही नहीं', माकपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा- आईएनडीआईए चुनावी गठबंधन नहीं
माकपा के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि विरोधी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए में शामिल होने के बावजूद तृणमूल कांग्रेस से समझौते का प्रश्न ही नहीं है। उन्होंने कहा कि आईएनडीआईए कोई चुनावी गठबंधन नहीं है। माकपा नेता ने कहा कि देश को बचाने के लिए इसका गठन हुआ है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। माकपा के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि विरोधी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए में शामिल होने के बावजूद तृणमूल कांग्रेस से समझौते का प्रश्न ही नहीं है। उन्होंने कहा कि आईएनडीआईए कोई चुनावी गठबंधन नहीं है।
आईएनडीआईए पर क्या बोले माकपा नेता?
माकपा नेता ने कहा कि देश को बचाने के लिए इसका गठन हुआ है। इसके लिए जो भी आगे आना चाहेगा, उन सबको लेकर चलना होगा। येचुरी ने तृणमूल पर निशाना साधते हुए कहा कि सबको पता है कि ममता बनर्जी की पार्टी पहले भाजपा की अगुआई वाली राजग सरकार में शामिल थी। जरुरत पड़ने पर वह फिर भाजपा से समझौता कर सकती है।
उन्होंने यह बातें हावड़ा में शुक्रवार से शुरू हुई माकपा की राज्य कमेटी के वर्धित अधिवेशन में भाग लेने के दौरान पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहीं।
माकपा ने स्वीकारा, उसके पास साहसिक नेता-कार्यकर्ता नहीं
माकपा की बंगाल इकाई में बूथ स्तर पर काफी कमियां हैं, जिन्हें दूर करना जरूरी है। इसके बिना पार्टी को चंगा नहीं किया जा सकेगा। माकपा की राज्य कमेटी के वर्धित अधिवेशन का जो मसौदा तैयार किया गया है, उसमें इसका उल्लेख है। 31 पन्नों के इस मसौदे को माकपा के बंगाल सचिव मोहम्मद सलीम अधिवेशन में प्रस्तुत करेंगे।
मसौदे में कहा गया है कि बूथ स्तर पर पार्टी समर्थकों की कमी नहीं है लेकिन उन्हें संगठित नहीं किया जा सका है। इसका प्रमुख कारण साहसिक पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं का अभाव है। जो नेता-कार्यकर्ता हैं, उनका भी एक वर्ग ठीक से काम नहीं कर रहा।