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Cyclone in India: भारत के तटीय इलाकों में तूफान की बढ़ी आशंका, आइआइटी खड़गपुर ने बताया यह कारण

आइआइटी खडग़पुर में एक अनुसंधान में यह चिंताजनक तथ्य सामने आया। समुद्र की सतह के गर्म होने के कारण ही एक के बाद एक चक्रवात की सृष्टि हो रही है। देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ वर्षों में कई चक्रवात कहर बरपा चुके हैं। पढि़ए पूरी रिपोर्ट।

By Sumita JaiswalEdited By: Updated: Mon, 07 Feb 2022 06:36 PM (IST)
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आइआइटी, खड़गपुर की रिपोर्ट में चिंताजनक तथ्य सामने आया। सांकेतिक तस्‍वीर।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। जलवायु परिवर्तन के कारण भारत के तटीय इलाकों में तूफान (cyclone) का खतरा बढ़ रहा है। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी, खडग़पुर (Indian Institute of Technology, Khhadagpur) की तरफ से किए गए एक अनुसंधान (Research) में यह चिंताजनक तथ्य सामने आया है। अनुसंधान रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे आने वाले समय में देश के तटीय इलाकों (coastal area) को कई तूफानों का सामना करना पड़ सकता है।

बंगाल की खाड़ी, दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर के तटीय इलाके में तूफान का खतरा

बताया गया है कि जून से नवंबर के दौरान समुद्र में तेज हवाएं चलने से ऊंची लहरें उठ सकती हैं, जिससे तटीय इलाकों में तेजी से समुद्र का पानी घुस सकता है और जान-माल का नुकसान होने की आशंका है। मुख्यत: बंगाल की खाड़ी, दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर के तटीय इलाके इसकी चपेट में आ सकते हैं। दक्षिण हिंद महासागर में लहरों की ऊंचाई कम से कम एक मीटर तक बढ़ सकती है। बंगाल की खाड़ी के मध्य में तूफान का प्रभाव काफी बढ़ सकता है। उत्तर हिंद महासागर, उत्तर-पश्चिम अरब सागर, दक्षिण-चीन सागर एवं बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्व में लहरों की ऊंचाई 0.4 मीटर तक बढऩे की आशंका है। इसके साथ ही समुद्र की सतह का तापमान भी बढ़ सकता है।

गौरतलब है कि समुद्र की सतह के गर्म होने के कारण ही एक के बाद एक चक्रवात की सृष्टि हो रही है। देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ वर्षों में कई चक्रवात कहर बरपा चुके हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि तटीय इलाकों में समुद्र का पानी घुसने से फसलों को भी भारी नुकसान पहुंच सकता है। यह अनुसंधान रिपोर्ट 'क्लाइमेट डायनामिक्स स्प्रिंगर' नामक जर्नल में प्रकाशित हुई है।

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