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Cyclone Remal: चक्रवात 'रेमल' से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए राज्यपाल ने टास्क फोर्स का गठन किया, जनता के लिए खुला रहेगा राजभवन

राजभवन में दो एंबुलेंस भी तैयार रखी गई हैं और जरूरत पड़ने पर और भी मंगाई जाएंगी। किसी भी संकट प्रबंधन के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा आठ सदस्यीय आपातकालीन चिकित्सा टास्क फोर्स का गठन किया गया है। राजभवन के वरिष्ठ अधिकारी पूरी रात काल पर उपलब्ध रहेंगे। राज्यपाल के एडीसी लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्यों दोनों के पुलिस बलों के साथ समन्वय करेंगे।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Sun, 26 May 2024 11:45 PM (IST)
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राज्यपाल ने चक्रवात 'रेमल' के खतरे को लेकर राजभवन में आपातकालीन समीक्षा बैठक बुलाई।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल के राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस ने चक्रवात रेमल के संभावित खतरे को लेकर रविवार को राजभवन में आपातकालीन समीक्षा बैठक बुलाई। राज्यपाल ने इस मुश्किल घड़ी में लोगों की सहायता के लिए एक टास्क फोर्स का भी गठन किया है। राजभवन द्वारा देर शाम जारी एक बयान में इसकी जानकारी दी गई।

इसमें बताया गया कि राजभवन जनता के लिए खुला रहेगा, अगर उन्हें सुरक्षित आवास और अन्य सहायता की आवश्यकता हो। राज्यपाल ने जनता को चक्रवात का सामना करने के लिए सक्षम प्राधिकारी के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी। उन्होंने अपील की कि लोग सुरक्षित स्थानों पर रहें। जो लोग असुरक्षित स्थानों पर हैं, वे तुरंत सक्षम प्राधिकारी से मदद मांग सकते हैं। राजभवन में चिकित्सा सुविधाएं रात भर और जरूरत पड़ने पर उसके बाद भी उपलब्ध रहेंगी।

राजभवन में दो एंबुलेंस भी तैयार रखी गई हैं और जरूरत पड़ने पर और भी मंगाई जाएंगी। किसी भी संकट प्रबंधन के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा आठ सदस्यीय आपातकालीन चिकित्सा टास्क फोर्स का गठन किया गया है। राज्यपाल और राजभवन के वरिष्ठ अधिकारी पूरी रात काल पर उपलब्ध रहेंगे। राज्यपाल के एडीसी लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्यों दोनों के पुलिस बलों के साथ समन्वय करेंगे।

राज्यपाल ने विश्वास व्यक्त किया कि बंगाल के दृढ़ निश्चयी लोग संकट का सामना दृढ़ता और धैर्य के साथ करेंगे। बता दें कि मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि रविवार आधी रात के आसपास किसी समय इस चक्रवात के बंगाल के सागरद्वीप और बांग्लादेश के आसपास के तटों से टकराने का अनुमान है। इस दौरान 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है, जो 135 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। चक्रवात से तटीय जिलों में भारी नुकसान की आशंका है।

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