Move to Jagran APP

कोलकाता में भारी सब्सिडी के बावजूद 47 पूजा समितियों ने की बिजली की चोरी , अब लगा पांच गुना जुर्माना

बंगाल सरकार की तरफ से प्रत्येक दुर्गापूजा समिति को 60 हजार रुपये का अनुदान एवं पूजा के आयोजन में खपत होने वाली बिजली के बिल में 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने के बावजूद पश्चिम मेदिनीपुर के घाटाल अंचल में पूजा समितियों द्वारा बिजली चोरी का मामला सामने आया है।

By Jagran NewsEdited By: Sumita JaiswalUpdated: Tue, 11 Oct 2022 04:07 PM (IST)
Hero Image
बिजली विभाग की ओर से उन सभी पर पांच गुना जुर्माना लगाया गया है। सांकेतिक तस्‍वीर ।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल सरकार की तरफ से प्रत्येक दुर्गापूजा समिति को 60-60 हजार रुपये का अनुदान एवं पूजा के आयोजन में खपत होने वाली बिजली के बिल में 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी दिए जाने के बावजूद पश्चिम मेदिनीपुर के घाटाल अंचल में पूजा समितियों द्वारा बिजली की चोरी का मामला सामने आया है। बिजली विभाग की ओर से उन सभी पर पांच गुना जुर्माना लगाया गया है। घाटाल स्थित बिजली विभाग के डिवीजनल इंजीनियर देवज्योति राउत ने बताया कि बिजली की चोरी करने के लिए 47 पूजा समितियों पर जुर्माना लगाया गया है।

इस साल दी गई 60 प्रतिशत सब्सिडी

गौरतलब है कि राज्य सरकार की तरफ से पिछले साल से बिजली के बिल में सब्सिडी शुरू की गई थी। उस साल 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी गई थी, जिसे इस साल बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया गया था। बिजली विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक आम तौर पर अस्थायी बिजली कनेक्शन के लिए प्रतिदिन प्रति किलोवाट के लिए 270 रुपये का भुगतान करना पड़ता है लेकिन राज्य सरकार की तरफ से सब्सिडी दिए जाने की वजह से यह घटकर प्रति किलोवाट 106 रुपये हो गया था। इतनी भारी सब्सिडी दिए जाने के बावजूद घाटाल की 47 पूजा समितयों ने बिजली की चोरी की।

इन पूजा समितियों पर लगा जुर्माना 

ये पूजा समितियां दासपुर, क्षीरपाई, चंद्रकोना, रामजीवनपुर समेत विभिन्न इलाकों की हैं। बिजली की चोरी करने वाली एक पूजा कमेटी के अधिकारी ने बताया कि उनकी पूजा बेहद बड़े पैमाने की थी। पूजा पंडाल के पास मेले का भी आयोजन किया गया था, जिस कारण बहुत ज्यादा बिजली की जरुरत पड़ गई थी। उन्होंने आगे कहा कि जुर्माना लगाया गया है तो उसका भुगतान करना ही होगा, वरना अगले साल पूजा की अनुमति नहीं मिलेगी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।