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'पार्टी के पुराने कार्यकर्ता को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए', बर्धमान-दुर्गापुर सीट से हार के बाद छलका दिलीप घोष का दर्द

Lok Sabha Election Results 2024 दिलीप घोष ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बयान का हवाला देते हुए लिखा एक चीज हमेशा ध्यान रखिए कि पार्टी के पुराने से पुराने कार्यकर्ता को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर जरूरत पड़े तो दस नए कार्यकर्ताओं को अलग कर दीजिए क्योंकि पुराने कार्यकर्ता हमारी जीत की गारंटी हैं। नए कार्यकर्ताओं पर बहुत जल्दी विश्वास नहीं करना चाहिए।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Fri, 07 Jun 2024 05:20 PM (IST)
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पार्टी के पुराने कार्यकर्ता को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए- दिलीप घोष।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद से यहां भाजपा की राज्य इकाई में दिख रही दरार के बीच वरिष्ठ नेता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष हमलावर हैं। अब उनके बयान ने पार्टी में पुराने बनाम नए को लेकर नई बहस शुरू होने की अटकलें तेज कर दी है।

घोष ने अटल बिहारी वाजपेयी के बयान का दिया हवाला

घोष ने एक्स पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बयान का हवाला देते हुए लिखा, एक चीज हमेशा ध्यान रखिए कि पार्टी के पुराने से पुराने कार्यकर्ता को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर जरूरत पड़े तो दस नए कार्यकर्ताओं को अलग कर दीजिए क्योंकि पुराने कार्यकर्ता हमारी जीत की गारंटी हैं। नए कार्यकर्ताओं पर बहुत जल्दी विश्वास नहीं करना चाहिए।

पार्टी के राज्य नेतृत्व पर हमलावर हुए घोष

बर्धमान -दुर्गापुर सीट पर तृणमूल कांग्रेस के कीर्ति आजाद के हाथों  करीब 1.38 लाख मतों से हारने के बाद से घोष पार्टी के राज्य नेतृत्व पर हमलावर हैं। घोष ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि अब यह खुलकर सामने आ गया है कि उन्हें उनके पुराने निर्वाचन क्षेत्र के बजाय नई सीट से चुनाव लड़ने के लिए भेजना एक गलती थी। मेदिनीपुर से सांसद रहे घोष को इस बार सीट बदलकर बर्धमान -दुर्गापुर सीट से टिकट दिया गया था, जहां उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा।

अहलूवालिया की जगह घोष को मिला था टिकट

घोष को बर्धमान -दुर्गापुर सीट से सांसद रहे एसएस अहलूवालिया की जगह चुनाव मैदान में उतारा गया था। अहलूवालिया को आसनसोल से टिकट दिया गया था। भाजपा ने आसनसोल दक्षिण से मौजूदा विधायक अग्निमित्र पाल को घोष की जगह मेदिनीपुर से प्रत्याशी बनाया था।

2021 में भाजपा में शामिल हुए थे सुवेंदु अधिकारी

भाजपा के तीनों प्रत्याशियों को चुनाव में तृणमूल उम्मीदवारों के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा। ऐसा माना जा रहा है कि राज्य में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी का उम्मीदवारों के फेरबदल में बहुत बड़ा हाथ था। अधिकारी 2021 में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। घोष ने स्पष्ट कहा कि अब यह खुलकर सामने आ गया है कि दुर्गापुर से मुझे चुनाव लड़ाने का फैसला एक बड़ी गलती थी।

मैं फिर विफल रहा- घोष

उन्होंने कहा कि पार्टी ने दुर्गापुर से जीतने का जो कार्य मुझे सौंपा था, उसमें मैं विफल रहा। हम देखेंगे कि कहां गलती हुई। मैं इस पार्टी में खाली हाथ आया था और इन नतीजों ने एक बार फिर मुझे खाली हाथ ही कर दिया। देखते हैं यहां से चीजें कहां जाती हैं। अपनी हार के बाद इससे पहले बुधवार को भी घोष ने प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए निशाना साधा था। उन्होंने अपनी हार के पीछे साजिश की ओर इशारा करते हुए कहा था कि बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा अपनी पकड़ को बरकरार रख पाने में क्यों नाकाम रही, इसके कारणों का पता लगाएंगे।

तृणमूल दिलीप घोष को बताया सच्चा भाजपा कार्यकर्ता

वहीं इस घटनाक्रम पर तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि मैं हमेशा से दिलीप घोष को एक सच्चा भाजपा कार्यकर्ता मानता हूं। यह उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी पार्टी उनकी ही विशेषताओं को पहचानने में विफल रही। हमने उन्हें हराया यह अच्छी बात है लेकिन वह अपनी पार्टी से बेहतर की अपेक्षा रखते हैं।

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