Doctor Murder Case: माता-पिता ने बेटी की हत्या के लिए अस्पताल प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार, राज्यपाल से की शिकायत
कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में दुष्कर्म व हत्या की शिकार हुईं प्रशिक्षु महिला डाक्टर के माता-पिता से मिलने राज्यपाल डा सीवी आनंद बोस उनके घर गए। राज्यपाल से अनुरोध किया कि कृपया उनकी मदद करें। उनको कम से कम यह तो कोई बताए कि उनकी बेटी के साथ उस रात क्या हुआ। माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या के लिए अस्पताल प्रशासन ही जिम्मेदार है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में दुष्कर्म व हत्या की शिकार हुईं प्रशिक्षु महिला डाक्टर के माता- पिता से मिलने बुधवार को राज्यपाल डा सीवी आनंद बोस उनके घर गए। इस दौरान माता- पिता ने राज्यपाल को अपनी व्यथा बताते हुए कई शिकायतें की है।
राजभवन सूत्रों के अनुसार, माता- पिता ने राज्यपाल से कहा कि उनकी बेटी जिस अस्पताल में काम करती थी, कितने सारे मरीजों को देखती थी। कितने साथी डाक्टर और कर्मचारी थे, लेकिन उनकी बेटी की हत्या के बाद एक व्यक्ति भी अब तक खोज लेने उनके घर नहीं आया। 13 दिन बाद भी उन्हें यह नहीं पता चला कि उनकी बेटी की हत्या का जिम्मेदार कौन है। क्या उनको यह जानने का अधिकार भी नहीं। कोई कुछ हमें नहीं बता रहा।
बेटी की हत्या के लिए अस्पताल प्रशासन ही जिम्मेदार
राज्यपाल से अनुरोध किया कि कृपया उनकी मदद करें। उनको कम से कम यह तो कोई बताए कि उनकी बेटी के साथ उस रात क्या हुआ। माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की हत्या के लिए अस्पताल प्रशासन ही जिम्मेदार है।
राज्यपाल से उन्होंने अनुरोध किया कि वह उनको मार्गदर्शन करें कि अब आगे न्याय के लिए उनको क्या करना पड़ेगा। राज्यपाल ने उन्हें पूरी मदद का भरोसा दिलाया और सांत्वना दी। राज्यपाल ने उन्हें अपना फोन नंबर भी दिया कि वह उन्हें किसी भी समय फोन कर सकते हैं।
प्रिंसिपल पद से हटाया संदीप घोष
आरजी कर मेडिकल कालेज अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को स्वास्थ्य विभाग ने अब कोलकाता नेशनल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रिंसिपल पद से हटा दिया है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने बुधवार रात यह घोषणा की है। माना जा रहा है कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में ममता सरकार की ओर से जो रिपोर्ट जमा दिया जाना है उसके मद्देनजर यह कार्रवाई हो सकती है। साथ ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज की अधीक्षक बुलबुल मुखोपाध्याय को भी हटा दिया गया है।