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'आप उन्हें क्यों बचा रहे हैं, कुछ तो गायब है' प्रिंसिपल की ताकत पर HC ने ममता सरकार से पूछे कई सवाल

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल में एक चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। प्रिंसिपल के इस्तीफे और दोबारा पोस्टिंग को लेकर कोर्ट ने राज्य सरकार से कई सवाल पूछे। वहीं कोर्ट ने मामले की केस डायरी आज दोपहर 1 बजे अदालत के समक्ष दाखिल करने का निर्देश दिया।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Tue, 13 Aug 2024 01:37 PM (IST)
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आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल की पोस्टिंग पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने पूछे सवाल।(फोटो सोर्स: जागरण)
एएनआईस, कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस मामले पर कलकत्ता हाईकोर्ट में कई जनहित याचिका दायर की गई। जनहित याचिकाओं पर आज मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सुनवाई की।

प्रिंसिपल की फिर से क्यों हुई नियुक्ति: कोर्ट

याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पाया कि जांच में "कुछ कमी है", और पूछा कि क्या मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष का बयान दर्ज किया गया था, जिस पर राज्य के वकील ने अपनी दलील रखी। हालांकि, वकील के दलील से कोर्ट संतुष्ट नजर नहीं आए। 

कोर्ट ने पूछा कि प्रिसंपल द्वारा इस्तीफे दिए जाने के कुछ घंटे के बाद ही उन्हें फिर से क्यों नियुक्त किया गया। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को लंबी छुट्टी पर जाने का आदेश दिया है।

प्रिंसिपल की दोबारा नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने पूछे सवाल

मुख्य न्यायाधीश ने आज अदालत में कहा कि नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने वाले प्रिंसिपल संदीप घोष को फिर प्रिंसिपल के रूप में कैसे नियुक्त किया जा सकता है? कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया है कि वह एक प्रशासनिक पद पर हो सकते हैं लेकिन उनसे सबसे पहले पूछताछ की जानी चाहिए थी।

प्रिंसिपल से जानकारी इकट्ठा की जाए: कोर्ट

कोर्ट ने राज्य के वकील से भी पूछा- आप उसे क्यों बचा रहे हैं। उनका बयान दर्ज करें। जो कुछ वह जानते हैं, उन्हें बताने दीजिए। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मामले की केस डायरी आज दोपहर 1 बजे अदालत के समक्ष दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने उनसे आज दोपहर 3 बजे तक छुट्टी का आवेदन जमा करने को कहा है या अदालत उन्हें पद छोड़ने का आदेश पारित कर देगी।

सरकारी वकील को प्रिंसिपल का त्यागपत्र और नियुक्ति पत्र पेश करने को कहा गया है। कोर्ट का कहना है कि यह देखने की जरूरत है कि उन्होंने अपने इस्तीफे में क्या लिखा है।

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