Kolkata: महिलाओं की आड़ में पूरा परिवार सोने की तस्करी में था लिप्त, डीआरआइ ने पांच को किया गिरफ्तार
Kolkata डीआरआइ के अनुसार इस पूरे रैकेट का सरगना सुकुमार हल्दर है जो फरार है। वह कथित रूप से अपने परिवार और रिश्तेदारों का इस्तेमाल कर तस्करी कर बांग्लादेश से लाए गए सोने को कोलकाता में पहुंचाता है।
By Shashank MishraEdited By: Shashank MishraUpdated: Sat, 08 Apr 2023 06:51 PM (IST)
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) ने बंगाल के सीमावर्ती उत्तर 24 परगना जिले से होकर बांग्लादेश से भारत में सोने की तस्करी में लिप्त एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो महिलाओं की आड़ में यह धंधा चलाता था।
डीआरआइ ने इस सिलसिले में दंपती समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से करीब 1.21 करोड़ मूल्य के लगभग दो किलोग्राम सोना भी जब्त किया है। हालांकि इस रैकेट का सरगना भागने में कामयाब रहा, जिसकी तलाश की जा रही है।
गिरफ्तार किए लोग बनगांव के रहने वाले हैं
डीआरआइ के अनुसार, उसने सोने की तस्करी को अपना पारिवारिक व्यवसाय बना लिया था और परिवार के सभी सदस्य तस्करी में लिप्त थे। परिवार के सदस्यों व रिश्तेदारों के मार्फत ये गिरोह उत्तर 24 परगना के बनगांव के रास्ते बांग्लादेश से सोने की तस्करी कर कोलकाता के बड़ाबाजार में पहुंचाता था। गिरफ्तार किए लोग बनगांव के रहने वाले हैं। डीआरआइ ने एक खुफिया सूचना के आधार पर जाल बिछाकर इन्हें पकड़ा।डीआरआइ सूत्रों के मुताबिक, इनमें अतनु घोष, अभिजीत विश्वास और डोलन विश्वास को कोलकाता के पास डनलप से गुरुवार को गिफ्तार किया गया। इनके पास से 77 लाख मूल्य के सोने के बिस्कुट मिले। इनसे पूछताछ के आधार पर शुक्रवार को महानगर के लेकटाउन से महादेव हल्दर और गणेश रक्षित नामक दो और तस्करों को पकड़ा गया। इनके पास से करीब 50 लाख के सोने मिले।
रैकेट का सरगना सुकुमार हल्दर है
डीआरआइ के अनुसार, इस पूरे रैकेट का सरगना सुकुमार हल्दर है, जो फरार है। वह कथित रूप से अपने परिवार और रिश्तेदारों का इस्तेमाल कर तस्करी कर बांग्लादेश से लाए गए सोने को कोलकाता में पहुंचाता है। अधिकारियों के अनुसार, किसी को आशंका नहीं हो इसीलिए वह इस काम में परिवार की महिला सदस्यों का इस्तेमाल करता है।महिलाओं के हैंड बैग में छिपाकर सोना कोलकाता लाया जाता था, ताकि किसी को शक न हो। वहीं, गिरफ्तार लोगों में शामिल महादेव हल्दर और गणेश रक्षित भी नियमित तौर पर कोलकाता आता था। डीआरआइ इन सभी से पूछताछ कर इस पूरे रैकेट के बारे में पता लगा रही है।
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