West Bengal: बंगाल के मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के घर से ED ने जब्त किए 41 लाख रुपये, मोबाइल भी हुआ जब्त
बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बंगाल के मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के बीरभूम जिले के बोलपुर स्थित आवास पर छापेमारी में 41 लाख रुपये की नकदी जब्त की है । ईडी ने मंत्री का मोबाइल भी जब्त कर लिया है। ईडी ने शुक्रवार को लघु व कुटीर उद्योग मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के आवास के अलावा और कई और लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
जागरण ब्यूरो, बीरभूम। बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बंगाल के मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के बीरभूम जिले के बोलपुर स्थित आवास पर छापेमारी में 41 लाख रुपये की नकदी जब्त की है। ईडी सूत्रों ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।
ईडी ने मंत्री का मोबाइल भी जब्त कर लिया है। ईडी ने शुक्रवार को लघु व कुटीर उद्योग मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के आवास के अलावा और कई और लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी 14 घंटे चली थी।
छापेमारी 14 घंटे चली
ED की टीम केंद्रीय बलों की एक टुकड़ी के साथ सुबह करीब सवा नौ बजे सिन्हा के आवास पर पहुंची और तलाशी अभियान शुरू किया, यह अभियान रात तक चली। बता दें कि ममता बनर्जी सरकार में चंद्रनाथ सिन्हा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) और कपड़ा मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे थे। तलाशी अभियान के दौरान सिन्हा अपने आवास पर नहीं थे। वह करीब 90 किलोमीटर दूर मुरारई में अपने पैतृक घर पर थे।
भर्ती घोटाले की काली कमाई मंत्री तक भी पहुंची
केंद्रीय एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, भर्ती घोटाले की काली कमाई मंत्री तक भी पहुंची है। पूर्व में सीबीआइ ने सिन्हा को मवेशी और कोयला तस्करी मामलों में तलब किया था। अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में कुछ कारोबारियों के आवासों पर भी छापेमारी की है। संदेह है कि उन्होंने भारत से दूसरे देशों में अवैध रूप से धन भेजने में मदद की। अधिकारियों ने इस बारे में उनसे पूछताछ की और कुछ दस्तावेजों की भी जांच की। इनमें परिवहन से जुड़े एक व्यवसायी विश्वरूप बोस का घर भी शामिल है।
मुख्य सचिव को हाई कोर्ट का नोटिस
भर्ती भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी आवश्यक है लेकिन सीबीआइ का आरोप है कि उन्हें अब तक कोई मंजूरी नहीं मिली है। मंजूरी को लेकर सरकार की क्या स्थिति है, यह जानने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई तीन अप्रैल को है। इस दिन मुख्य सचिव को अनुमति के संबंध में जानकारी देने का निर्देश दिया गया है।
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