SSC भर्ती घोटाला: शिक्षा विभाग ने जारी की अवैध रूप से नियुक्त गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए अधिसूचना
एसएससी भर्ती घोटाले में राज्य के शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को जारी एक ताजा अधिसूचना से विभिन्न सरकारी स्कूलों में नियुक्त 1698 गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए उलटी गिनती शुरू हो गई है। यह अधिसूचना अवैध रूप से नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों के लिए जारी किए गए हैं।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Mon, 26 Dec 2022 06:49 PM (IST)
कोलकाता, राज्य ब्यूरो: एसएससी भर्ती घोटाले में राज्य के शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को जारी एक ताजा अधिसूचना से विभिन्न सरकारी स्कूलों में नियुक्त 1,698 गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए उलटी गिनती शुरू हो गई है। राज्य के स्कूल शिक्षा आयुक्त के कार्यालय से जारी नई अधिसूचना के माध्यम से स्कूलों से संबंधित जिला निरीक्षकों को अपने-अपने जिलों में संबंधित गैर-शिक्षण कर्मचारियों को कलकत्ता हाई कोर्ट की समय सीमा के बारे में सूचित करने के लिए कहा गया है, ताकि वे अपनी बेगुनाही साबित कर सकें। यह अधिसूचना अवैध रूप से नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों के लिए जारी किए गए हैं।
तीन कार्य दिवस के भीतर मांगा जवाब
सोमवार को जारी अधिसूचना में जिला विद्यालय निरीक्षकों को आदेश प्राप्त होने की तिथि से तीन कार्य दिवस के भीतर जिले के संबंधित गैर शिक्षक कर्मचारियों को न्यायमूर्ति बसु के आदेश की प्रति उपलब्ध कराने को कहा गया है। अधिसूचना में कहा गया है, इसके बाद अगले पांच कार्य दिवसों में एक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सकती है। राज्य शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि इस अधिसूचना का मतलब यह है कि 1,698 गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए घड़ी की टिक टिक शुरू हो गई है, जिन्हें सीबीआइ और स्कूल सेवा आयोग(एसएससी) द्वारा अवैध रूप से नौकरी हासिल करने के लिए या तो अपनी बेगुनाही साबित करने या सेवाओं की समाप्ति का सामना करने के लिए तैयार होने के लिए पाया गया है।
अवैध भर्तियों के संबंध में कोर्ट सख्त
22 दिसंबर को इन 1,698 गैर-शिक्षण कर्मचारियों को आखिरी मौका देने के बावजूद न्यायमूर्ति बसु ने भारी संख्या में अवैध भर्तियों के संबंध में कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, इस तरह की भर्ती से पहले ही छात्रों को बहुत नुकसान हुआ है। इसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। जिन लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया गया है, उन्हें अब अपनी सेवाओं को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्हें स्कूलों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।यह भी पढ़ें: Kolkata News: कोलकाता के चर्च में मोमबत्ती की लौ से झुलसी बच्ची, बचाने की कोशिश में सब-इंस्पेक्टर भी घायलयह भी पढ़ें: Lalan Death Case: लालन शेख की मौत की जांच की निगरानी अब करेंगे डीआइजी रैंक के सीआइडी अधिकारी
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।